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दक्षिणी चीन सागर में फिलीपींस और चीन के जहाज आपस में टकरा गए, चीनी कोस्ट गार्ड के मुताबिक फिलीपींस के जहाज ने लगातार चेतावनी को अनदेखा कर रहा था जिसके कारण यह घटना हुई। दरअसल चीन पूरे दक्षिणी चीन सागर पर अपना दावा ठोकता है और इस सागर में मनमानी करने की कोशिश करता है। दक्षिणी चीन सागर से दुनियाभर का करीब 3 ट्रिलियन डॉलर का कारोबार होता है। इसी कारोबार को लेकर इस क्षेत्र से जुड़ने वाले देश चीन, फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया और ब्रुनेई इस सागर पर अपना-अपना दावा ठोकते हैं। चीन की नौसेना मजबूत है तो इस कारण से वह पूरे क्षेत्र में दादागिरी करता नजर आता है।
चीन ने इस सागर में कई जगहों पर अपनी आर्मी के लिए आर्टिफिशियल द्वीप बना रखें हैं। चीन के कई जहाज लगातार यहां पर पेट्रोलिंग करते रहते हैं। चीन और फिलिपींस के बीच में विवादित जगहों को लेकर टकराव होता रहता है।
15 जून से चीन के नए कोस्ट गार्ड नियम लागू हो चुके हैं जिनके मुताबिक चीन के कोस्ट गार्ड जहाज को यह अधिकार मिला हुआ है कि वह दक्षिणी चीन सागर में किसी भी देश के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल कर सकता है।
इन नए नियमों के अनुसार चीन के कोस्ट गार्ड को यह अधिकार मिला हुआ है कि वह किसी भी विदेशी जहाज को केवल संदेह के आधार पर 60 दिन तक बिना किसी ट्रायल के बंदी बनाकर रख सकता है।
इस घटना पर बयान देते हुए चीनी कोस्ट गार्ड ने कहा कि फिलीपींस के जहाज ने हमारी कई चेतावनी को नजरअंदाज किया और बहुत ही अनप्रोफेशनल तरीके से जहाज को आगे बढ़ाया जिससे यह टक्कर हुई। नए नियमों के मुताबिक चीन ने फिलीपींस के जहाज को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही चीन ने इस जहाज पर चीन के क्षेत्र में बिना अनुमति के घुस आने का भी आरोप लगाया।
वहीं फिलीपींस ने चीन के ऊपर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चीन का रवैया बहुत ही अमानवीय है, उनके यह नए नियम दुनियाभर के लिए चिंता का विषय हैं।
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