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भारी बारिश की वजह से गुजरात पहले से ही बाढ़ से जूझ रहा है। वहीं अरब सागर में बन रहे भयंकर चक्रवात ‘असना’ ने चिंता और बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने अरब सागर के ऊपर चक्रवात बनने का अलर्ट जारी किया है। यह चक्रवात खास इसलिए है क्योंकि 48 साल के बाद अरब सागर में अगस्त के महीने में कोई चक्रवात बन रहा है। 1976 के बाद यह अपनी तरह का पहला तूफान है। मौसम विभाग ने बताया है कि यह चक्रवात पश्चिम-दक्षिण की ओर ओमान तक की ओर बढ़ सकता है। पाकिस्तान ने इस तूफान का नाम ‘असना’ दिया है।
मौसम विभाग ने बताया है कि 1976 के बाद यह अगस्त के महीने में अरब सागर में बनने वाला पहला तूफान है। मौसम विभाग ने कहा, अगस्त के महीने में अरब सागर पर तूफान बनना बहुत दुर्लभ घटना है। इससे पहले जब भी अरब सागर में अगस्त में तूफान बने हैं, वे तट पर आते-आते कमजोर हो गए हैं। 1964 में भी एक चक्रवात विकसित हुआ था जो कि तट पर आते-आते कमजोर हो गया।
65 की स्पीड से चल सकती हैं हवाएं
मौसम विभाग ने मछुआरों को समंदर में ना उतरने की सलाह दी है। गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर अगले दो दिनों तक 65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तरा से हवाएं चल सकती हैं। 1891 से 2023 तक अगस्त में अरब सागर पर तीन ही चक्रवाती तूफान बने हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल साल जून से अगस्त तक कच्छ और सौराष्ट्र में 700 एमएम से ज्यादा बारिश हुई है। जबकि यहां सामान्य तौर पर 430 एमएम बारिश होती है।
जिले में अधिकारियों ने झोपड़ियों और अस्थायी घरों में रह रहे लोगों को स्कूलों, मंदिरों या अन्य इमारतों में आश्रय लेने को कहा है। आईएमडी की चेतावनी के बाद, कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने एक वीडियो संदेश जारी कर अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका में रह रहे लोगों से अपनी झोपड़ियों और कच्चे घरों को छोड़कर किसी स्कूल या अन्य इमारतों में शरण लेने के लिए कहा।
उन्होंने स्थानीय लोगों से, शुक्रवार शाम तक के लिए ऐसे गरीब वर्ग के लोगों को अपने घरों में शरण देने के लिए आगे आने की अपील की है। आईएमडी ने कहा, ‘कच्छ और आसपास के इलाकों में बने गहरे दबाव के, अगले 12 घंटे के दौरान उत्तर-पूर्व अरब सागर में पश्चिम की ओर बढ़ने और एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं। इसके बाद यह अगले दो दिनों के दौरान भारतीय तट से दूर पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा।’
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि आईएमडी की चेतावनी के बाद, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गुरुवार रात गांधीनगर में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अरोड़ा से जिला प्रशासन की तैयारियों के बारे में बात की। अगर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात का रूप ले लेता है तो इसका नाम ‘असना’ रखा जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया नाम है। यह एक दुर्लभ घटना है कि जमीन पर बना गहरा दबाव समुद्र में चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इतना ही नहीं, अगस्त में अरब सागर में चक्रवात का बनना भी दुर्लभ है। आईएमडी ने कहा, ‘‘इस अवधि के दौरान समुद्र की स्थिति खराब रहेगी, ऊंची लहरें उठेंगी और गुजरात तट पर हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है।’’
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