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इसके बाद भगवान महाकाल की परंपरागत पांचवीं सवारी (श्रावण मास) में सम्मिलित होंगे। मालूम हो कि इस बार मुख्यमंत्री पूरे डेढ़ महीने बाद अपने गृह नगर उज्जैन आए हैं। पिछली बार वे 6 जुलाई को नगर निगम की कपिला गोशाला में रखे गोसंवर्धन कार्यक्रम में आए थे। इसके बाद 21 जुलाई, फिर 5 अगस्त को उज्जैन आने की संभावना बनी।
पहले सीएम के आने का कार्यक्रम हो गया था स्थगित
तैयारी स्वरूप झालरिया मठ में जिला शिक्षा विभाग ने गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने, होनहार 429 विद्यार्थियों संग 604 शिक्षकों का सम्मान करने, हरिफाटक ब्रिज पर लगाई आकर्षक लाइट का शुभारंभ, धर्मस्व विभाग के कार्यालय का उद्घाटन और शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में हर्बल गार्डन का पौधारोपण कार्यक्रम की तैयारी की थी।
हालांकि एक दिन पहले सीएम के न आने की सूचना पर कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। अब जाकर मुख्यमंत्री का उज्जैन आगमन तय हुआ है। हालांकि अभी भी हरिफाटक ब्रिज पर लगाई आकर्षक लाइट का शुभारंभ और शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में हर्बल गार्डन में वृहद पौधारोपण का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।
यह भी जानिए
धर्मस्व विभाग का कार्यालय का संचालन उज्जैन से होने पर न केवल उज्जैन बल्कि मालवा-निमाड़ अंचल के सभी मंदिरों के लिए शुभ संकेत है। धर्मस्व विभाग मंदिरों का जीर्णोद्धार, धर्मशाला का निर्माण, पुजारियों की नियुक्ति, पदस्थापन और मानदेय वितरण का कार्य करता है।
मध्यप्रदेश तीर्थ-स्थान एवं मेला प्राधिकरण के माध्यम से तीर्थ-स्थलों एवं अतिप्रसिद्ध मेलों की उचित व्यवस्था के लिए अनुदान भी उपलब्ध कराता है। विभाग का सालाना बजट 100 करोड़ रुपये है। मालूम हो कि इसी साल 1 जुलाई को मध्य प्रदेश का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय राजधानी भोपाल से उज्जैन स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी हुई थी।
दो सप्ताह बाद शासन के आदेश से उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता को अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व का संचालक का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण कर लिया था।
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