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मध्य प्रदेश के उमरिया में पर्यटक वन्य प्राणियों के दीदार के लिए टाइगर रिजर्व की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं पर्यटन शुरू होने के एक दिन पहले मौत की जानकारी पर्यटकों के साथ साथ वन विभाग के अधिकारियों के लिए भी दुखद है। पार्क के डिप्टी फील्ड डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही बाघ की मौत की असली वजह पता चल पाएगी।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत पेड़ पर बिजली गिरने से हुई है। संभवत: बाघ पेड़ के नीचे बैठा हुआ था और इसी दौरान बिजली गिरने से वह उसकी चपेट में आ गया होगा। पार्क के डिप्टी फील्ड डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही बाघ की मौत की असली वजह पता चल पाएगी।
यहां हुई घटना
बाघ की मौत की यह घटना बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के मगधी रेंज के बदबदा हार में हुई है। गश्त के दौरान सुरक्षा श्रमिकों और वन कर्मियों ने बाघ के शव को देखा और इसकी जानकारी रेंजर को दी। बाद में यह जानकारी विभाग के बड़े अधिकारियों तक पहुंची।
बाघ का शव भी झुलसा हुआ नजर आ रहा था
मौके पर पहुंचने के बाद जब विभाग के अधिकारियों ने जांच शुरू की तो यह देखने में आया कि जिस पेड़ के नीचे बाघ का शव पड़ा हुआ था उसी पेड़ पर गाज भी गिरी हुई थी। बाघ का शव भी झुलसा हुआ नजर आ रहा था। इससे यह अनुमान लगाया गया है कि बाघ की मौत गाज गिरने से हुई है। हालांकि इस मामले की पूरी जानकारी पीएम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी।
किया गया दाह संस्कार
बाघ का शव मिलने के बाद जांच टीम ने मौके का निरीक्षण किया और यह पाया कि बाघ के शरीर के सभ अंग पूरी तरह से सुरक्षत थे। यह मामला शिकार का नहीं था। इसके बाद बाघ के शव का पीएम कराया गया और एनटीसीए के प्रोटोकाल के अनुसार बाघ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान बांधवगढ़ के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
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