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उन्होंने इस मामले में वर्ष 2019 से अब तक दायर हुई 50 से अधिक याचिकाओं का हवाला देते हुए सख्त लहजे में पूछा कि आप बताइए कर्मचारियों का भुगतान कब तक करेंगे। इस पर ओआइसी ने जवाब दिया कि सर, अभी संबंधित प्रोपर्टी का परिसमापन होना बाकी है। कोर्ट ने फिर पूछा कि इसके लिए कितना समय चाहिए? ओआइसी ने एक साल का वक्त मांगा, तल्ख लहजे में कोर्ट ने कहा च्सिर्फ 90 दिन का समय दे सकते हैं इससे अधिक नहीं।
अगर आप इतने समय में निराकरण कर सकते हैं तो ठीक वर्ना सरकार से पैसा लेकर कर्मचारियों का भुगतान करें, सरकार के पास बहुत पैसा है। ओआइसी ने उनसे अतिरिक्त समय की मांग करते हुए कहा कि च्सर, सरकार इसके लिए पैसा देती नहीं है।ज् कोर्ट ने आखिर में अपने फैसले पर कायम रहते हुए उन्हें 90 दिन में निराकरण करने का अवसर दिया है। बता दें कि यह मामला कैलारस की शुगर मिल में काम करने वाले कर्मचारियों के भुगतान का है जो कई वर्षों से लंबित है।
प्रशासन और वन विभाग के अफसरों को कोर्ट का नोटिस
हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में युगलपीठ के समक्ष सिरोल पहाड़ी पर पेड़ों के कटाव से जुड़ी जनहित याचिका में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता नरेंद्र कंषाना ने हाई कोर्ट को बताया कि सिरोल पहाड़ी पर अटल स्मारक के निर्माण के चलते हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है। जिससे पर्यावरण और वहां मौजूद जीव-जंतुओं को बड़ी परेशानी हो रही है। हाई कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए हैं।
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