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उम्र बढ़ने के साथ इस रोग के होने की आशंका हर व्यक्ति में होती है। लेकिन खराब जीवन शैली, युवाओं में बढ़ता धूम्रपान, मोटापा सहित दूसरे कारणों से युवाओं में यह समस्याएं देखने को मिल रही है। जबकि 50 से ज्यादा उम्र के लोग इस रोग के शिकार सबसे ज्यादा होते हैं। महिलाओं में 45 साल के बाद और पुरूषों में 60 साल के बाद आस्टियोपोरोसिस होने की आशंका सबसेअधिकरहतीहै।
आस्टियोपोरोसिस शरीर में हड्डियों को कमजोर बना रहा है। इस रोग के शिकार एक हजार बिस्तर अस्पताल के हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में पहुंच रहे हैं।
चिकित्सक का कहना है कि ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में आस्टियोपोरोसिस पीड़ितों की संख्या 10 से 15 प्रतिशत है। उम्र बढ़ने के साथ इस रोग के होने की आशंका हर व्यक्ति में होती है। लेकिन खराब जीवन शैली, युवाओं में बढ़ता धूम्रपान, मोटापा सहित दूसरे कारणों से युवाओं में यह समस्याएं देखने को मिल रही है।
30 साल के बाद हर व्यक्ति की हड्डियों की मजबूती में कमी आनी शुरू हो जाती है, लेकिन नियमित व्यायाम करने वाले, उचित आहार लेने वाले सहित अन्य में गिरावट की गति काफी कम होती है। ऐसे में इन लोगों में समस्या काफी देर में दिखाई देती है।
50 से ज्यादा उम्र के लोग इस रोग के शिकार सबसे ज्यादा होते हैं। महिलाओं में 45 साल के बाद और पुरूषों में 60 साल के बाद आस्टियोपोरोसिस होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। लेकिन बदलती जीवन शैली के कारण रोग होने की उम्र घट रही है।
हर रोज 20-25 मरीज पहुंचते हैं इलाज के लिए
आर्थोपेडिक विभाग की ओपीडी में अगर 200 मरीज इलाज करवाने आते हैं, तो इनमें 20 से 25 लोगों में आस्टियोपोरोसिस रहता है। इस रोग के होने का कोई लक्षण नहीं दिखते। इसका पता ही फ्रैक्चर या जांच के बाद चलता है। चिकित्सक कहते है कि यदि समय रहते ही हडिड़यों को कमजोर होने से रोका जाए तो लंबे समय तक इस समस्या को रोका जा सकता है।
यह रोग इस हिस्से पर करता है हमला
आस्टियोपोरोसिस से कूल्हे, जांघ और रीढ़ की हड्डी तेजी से कमजोर होती है। इन जगहों की हड्डियों में खून ज्यादा रहता है। यह सबसे मजबूत हड्डी मानी जाती है। यदि यह टूटती है तो मरीज में मृत्युदर होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
बीमारी से बचाव
- गिरने से बचे
- घर व बाहर ऐसे व्यवस्था करें कि गिरने से बच सकें।
- साथ ही एक उम्र के बाद विशेष ध्यान रखें।
- गिरे तो चोट न लगे
- नियमित व्यायाम करें।
- कैल्शियम युक्त भोजन लें। जिससे मांसपेशियां मजबूत रहेगीं।
क्या है आस्टियोपोरोसिस
आस्टियोपोरोसिस में हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाती है। डेंसिटी कम होने की वजह से, वे पतली होने लगती हैं और कमजोर होती जाती हैं। इस वजह से हड्डियों के टूटने का खतरा काफी बढ़ जाता है। डेंसिटी कम होने से हड्डियां ज्यादा दबाव सह नहीं पाती और टूट सकती हैं। यह बड़ी ही खामोशी से आपकी हड्डियों को कमजोर बनाता जाता है, तब तक पता नहीं चलता जब तक आपकी कोई हड्डी टूटनी शुरू नहीं हो जाती।
बचाव ही इलाज है
इस बीमारी से बचाव ही इलाज है। पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी लें, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद खाएं, हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ लें। नियमित रूप से व्यायाम करें। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं। दरअसल ओपीडी में इस बीमारी से पीड़ित 10 से 15 फीसदी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। डॉ. अभिलेख मिश्रा, हड्डी जोड़ रोग विशेषज्ञ, जेएएच
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