चेस ओलंपियाड में भारत ने जीते 3 गोल्ड, महिलाओं का धमाल

चेस ओलंपियाड में भारत ने जीते 3 गोल्ड, महिलाओं का धमाल


 बुडापेस्ट
चेस ओलंपियाड के इतिहास में भारत ने पहली बार वो कर दिखाया है, जो 97 सालों में इससे पहले कभी नहीं हो सका. डी गुकेश और अर्जुन एरिगैसी के दम पर भारत ने चेस ओलंपियाड के ओपन सेक्शन में गोल्‍ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. इसके अलावा महिला सेक्शन में भी भारत ने गोल्ड पर कब्जा जमाया है. दूसरी ओर गुकेश ने व्यक्तिगत इवेंट में भी गोल्ड दिलाया है. इस तरह भारत के 3 गोल्ड हो गए हैं.

यह भी पहली बार हुआ है, जब चेस ओलंपियाड में भारत ने इन दोनों सेक्शन में गोल्ड जीते हैं. हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में खेले जा रहे 45वें चेस ओलंपियाड में गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसीव को हराया, जबकि एरिगैसी ने जान सुबेल को मात दी.

गुकेश ने लगातार दूसरी बार जीता चेस ओलंपियाड

18 साल के डी गुकेश ने लगातार दूसरी बार गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. यह उन्होंने व्यक्तिगत इवेंट में उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले उन्होंने 2022 चेस ओलंपियाड में गोल्ड जीता था. गुकेश लगातार दो गोल्ड जीतने के बाद ग्रेंड मास्टर विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए हैं. साथ ही वर्ल्ड कप 16वें चेस मास्टर बन गए हैं.

इस तरह रहीं भारतीय पुरुष और महिला टीमें

भारतीय पुरुषों को इस सेक्शन में पहला स्थान हासिल करने के लिए आखिरी राउंड में केवल ड्रॉ की जरूरत थी. लेकिन भारत ने दो मैच जीते तो दूसरे स्थान पर मौजूद चीन ने अमेरिका के खिलाफ पॉइंट गंवा दिए.

भारतीय पुरुष टीम में डी गुकेश, अर्जुन एलिगैसी, विदित गुजराती, पेंटला हरिकृष्ण, आर प्रज्ञाननंद और श्रीनाथ नारायणन शामिल रहे. जबकि महिला सेक्शन में भारत ने आखिरी मैच में अजरबैजान को 3.5-0.5 से मात दी. महिला टीम में हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और अभिजीत कुंते शामिल रहीं.

इससे पहले भारत ने 2 बार ब्रॉन्ज जीता था

बता दें कि चेस ओलंपियाड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत ने दोनों सेक्शन (महिला-ओपन) में गोल्ड जीते हैं. इससे पहले कभी भारत ने ऐसी कामयाबी हासिल नहीं की. भारत ने दो साल पहले चेस ओलंपियाड में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इससे पहले 2014 में भी उसे ब्रॉन्ज ही मिला था.

भारतीय पुरुषों ने इस टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया. उन्होंने लगातार 8 मुकाबले जीते और इसके बाद डिफेंडिंग चैम्पियन उज्बेकिस्तान से ड्रॉ खेला. इसके बाद 21 सितंबर को उसने टॉप सीड वाली अमेरिकी टीम को मात देकर एक तरह से गोल्ड पक्का कर लिया था.