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MP Election: मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल बजने के बाद सूबे के सत्ता संग्राम में उतरी पार्टियां जमकर प्रचार प्रसार कर रही हैं। भाजपा कांग्रेस समेत सभी दलों के स्थानीय से लेकर कद्दावर नेता प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। उम्मीदवार इस बार हर तरीके से प्रचार कर रहे हैं। लेकिन इस सब के बीच के चुनावी सामग्री बेचने वाले दुकानदार निराश नजर आ रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले अबतक 50 फीसदी की बिक्री भी नहीं हुई है। इसकी बड़ी वजह डिजिटल यानी कि ऑनलाइन चुनाव प्रचार बताई जा रही है।
सूबे की राजधानी भोपाल में चुनाव प्रचार सामग्री की करीब 20 छोटी-बड़ी दुकानें हैं, जहां पार्टी के झंडे, नेताओं के कट-आउट, पोस्टर, बैज, स्कार्फ, टोपी, टी-शर्ट समेत अन्य कई सामन बेचे जा रहा है। लेकिन इस बार इन दुकानों पर कोई भीड़ नहीं है। ज्यादातर नेता अपना चुनाव अभियान सोशल मीडिया पर चला रहे हैं जिसके चलते पारंपरिक बाजार घाटे में चल रहा है।
दुकानदारों का कहना है कि मध्य प्रदेश में लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार उनके लिए अभी तक सार्थक परिणाम नहीं दे रहा है। उन्होंने दावा किया कि वे अपने बाजार में भारी गिरावट देख रहे हैं और पिछले 2018 राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत का नुकसान झेल रहे हैं।
दिल्ली के एक दुकानदार शंभू नाथ पटेल ने चुनावी प्रचार सामग्री की खरीद में गिरावट के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है। वो आम तौर पर चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद देश भर के चुनाव वाले राज्यों में अपनी दुकान लगाते हैं।
शंभूनाथ पटेल ने एएनआई को बताया, “मुझे यहां अपनी दुकान शुरू किए लगभग दो महीने हो गए हैं। जहां भी चुनाव होते हैं, हम वहां अपनी दुकानें लगाते हैं। इस बार मध्य प्रदेश की तुलना में बाजार में भारी गिरावट आई है। पिछली बार 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान बाजार बहुत अच्छा था लेकिन इस बार अभी तक ऑर्डर में तेजी नहीं आई है। अगले दो दिनों में ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। इसी उम्मीद में हम यहां बैठे हैं, हालांकि पिछली बार की तुलना में लगभग आधा गिरावट है।”
चुनावी सामग्री बाजार में गिरावट की वजह के बारे में बात करते हुए दुकानदार ने कहा कि ग्राहकों की संख्या घटने का मुख्य कारण सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया पर प्रचार के कारण पार्टी के झंडे, बैनर, पोस्टर, टोपी, स्कार्फ, टी-शर्ट आदि जो वे बेच रहे थे, उनकी खरीदारी में काफी कमी आई।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के लिए अधिक समय था। पिछली बार मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान हुआ था। इसलिए उम्मीदवारों ने खूब प्रचार सामग्री खरीदी थी लेकिन इस बार प्रचार के लिए समय की कमी भी है इसलिए बाजार में गिरावट है।
शंभूनाथ पटेल ने यह भी कहा कि अगर आगे भी स्थिति ऐसी ही बनी रही तो उन्हें लगता है कि उन्हें यह कारोबार बंद करना होगा और कुछ और सोचना होगा। फिलहाल उन्हें अगले दो दिनों में ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
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स्थानीय दुकानदार दुर्गा ने एएनआई को बताया, ”पिछले चुनाव की तुलना में इस बार बाजार में काफी असर है। पहले खूब सामान बिकता था लेकिन इस बार अभी तक ग्राहक नहीं आए हैं। 17 नवंबर को होने वाला है लेकिन दुकान में सन्नाटा है। पिछली बार की तुलना में हमें भारी घाटा हो रहा है।”
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। मतदाता 230 विधानसभा क्षेत्रों से विधायक चुनेंगे।
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