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NASA Capture Asteroids: ब्र्ह्मांड के अंदर रहस्यों के अनेक खजाने हैं, जिसका वैज्ञानिक लगातार पता लगाते रहते हैं। फिर भी इतने वर्षों बाद हम ब्रह्मांड के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान पाए। इसी तरह हमारी पृथ्वी के अलावा अनगिनत ग्रह इस ब्रह्मांड में घूम रहे हैं। ग्रहों के अलावा अंतरिक्ष में ऐसी-ऐसी चट्टानें हैं, जो लगातार विचरण करती रहती हैं। कई बार ये चट्टान या क्षुद्रग्रह हमारी धरती के लिए भी खतरा बन जाती हैं। नासा ने कुछ समय पहले दो क्षुद्रग्रहों को लेकर चेतावनी दी थी कि बेहद बड़े आकार के क्षुद्रग्रह हमारी धरती से टकरा सकते हैं। अब इनकी तस्वीरें सामने आई हैं। ये बेहद विशाल चट्टान के आकार के क्षुद्रग्रह हैं। नासा के अधिकारियों ने बताया कि हालांकि ये धरती के बिल्कुल पास से होकर निकल गए लेकिन, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये भविष्य में हमारे लिए खतरा न हो।
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की ओर बढ़ रही दो अंतरिक्ष चट्टानों की तस्वीरें खींची हैं। NASA JPL ने सोशल मीडिया पोस्ट में इन क्षुद्रग्रहों की तस्वीरें जारी की हैं। ये क्षुद्रग्रह हैं- 2024 MK और 2011 UL21। इनमें से एक 2024 MK का 13 दिन पहले पता लगा था कि क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बिल्कुल पास से होकर गुजरने वाला है। हालांकि 4 जुलाई को यह धरती के पास से होकर गुजरा और सफलतापूर्वक धरती से दूर चला गया। नासा जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (जेपीएल) के वैज्ञानिकों का दावा है कि इन क्षुद्रग्रहों ने धरती के लिए कोई खतरा पैदा नहीं किया। ये धऱती के पास से गुजरें और दूर चले गए। हालांकि नासा के रडार में आने से वैज्ञानिकों को इनकी तस्वीरें जरूर मिल गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन क्षुद्रग्रहों की तस्वीरें हासिल करना बड़ी उपलब्धि है।
नासा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “पृथ्वी के निकट स्थित किसी भी एस्टेरॉयड के हमारे ग्रह से टकराने का कोई खतरा नहीं है, लेकिन इन दो क्षुद्रग्रहों के धरती से होकर गुजरने के दौरान हमें इनके बारे में काफी कुछ पता लगा। जैसे इनके आकार, कक्षाओं, घूर्णन, सतह के विवरण और उनकी संरचना और गठन के बारे में भी हमे सुराग पता लगा है।” नासा ने अपने गोल्डस्टोन सोलर सिस्टम रडार की मदद से इन क्षुद्रग्रहों की तस्वीरें हासिल की हैं। ये रडार सिस्टम पिछले तीन साल से अपनी सेवाएं दे रहा है।
भविष्य में कितना खतरा
नासा के वैज्ञानिकों को पता लगा है कि इन क्षुद्रग्रहों के अध्ययन से पता लगा है कि इनका निर्माण हमारे सौरमंडल के ग्रहों के निर्माण के दौरान उत्पन्न हुए मलबे के कारण हुआ है। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल निकटम भविष्य में इन क्षुद्रग्रहों के कारण किसी तरह के खतरे की कोई संभावना नहीं है। लेकिन, इनकी तस्वीरों से हमे आगामी भविष्य में इस तरह के खतरों को रोकने के लिए मिशन में जरूर मदद मिल सकती है।
बता दें कि 27 जून को, नासा के रडार सिस्टम ने क्षुद्रग्रह 2011 UL21 को ट्रैक किया था। यह 4.1 मिलियन मील (6.6 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर पृथ्वी से गुजरा था। इसके नाम से पता चलता है कि नासा के वैज्ञानिकों को इसके बारे में साल 2011 में पता लगा।
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