पाकिस्तान बच्चा पैदा करने में सबसे आगे निकला, रिपोर्ट- बंगाली, चीनी सब बढ़ा रहे आबादी

पाकिस्तान बच्चा पैदा करने में सबसे आगे निकला, रिपोर्ट- बंगाली, चीनी सब बढ़ा रहे आबादी

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शहबाज शरीफ के लगातार दूसरी बार पाकिस्तान का वजीर-ए-आजम बनने के बावजूद देश की हालत में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ है। न तो देश में महंगाई कम हुई और न ही देश में आर्थिक संकट कम हुआ है। शहबाज शरीफ लगातार चीन, सऊदी अरब समेत कई दूसरे देशों से मिली रकम से अपना देश चला रहे हैं। इतने गंभीर हालातों के बीच कोढ़ में खाज यह है कि पाकिस्तान विश्व स्तर पर सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाला देश बन गया है। यानी सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने में पाकिस्तान अव्वल निकला है। रिपोर्ट है कि ऐसे ही जनसंख्या बढ़ती रही तो 2050 तक देश में जनसंख्या दोगुनी हो जाएगी। पाकिस्तान में सिर्फ स्थानीय ही नहीं अफगानी, बंगाली और चीनी नागरिक में बड़े पैमाने पर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं।

पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी नवीनतम डिजिटल रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने विश्व स्तर पर सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि दर दर्ज की है। इससे 2050 तक जनसंख्या दोगुनी हो जाने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि इसके बावजूद देश में साक्षरता दर में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक, पाकिस्तान में साक्षरता दर 2017 के बाद से बढ़ी है। कुल साक्षरता दर 61% है। जिसमें पुरुषों में 68% और महिलाओं में 53% साक्षर हैं।

अफगान, बंगाली और चीनी सब बढ़ा रहे आबादी

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 तक पाकिस्तान में रहने वाले अफगानों की कुल संख्या 1,923,453 है। इनमें से 939,878 खैबर-पख्तूनख्वा में, 310,832 पंजाब में और 145,875 सिंध में रह रहे हैं। इसके अलावा, बलूचिस्तान में 474,812 अफगानी नागरिक रहते हैं, जबकि संघीय राजधानी इस्लामाबाद में 52,056 अफगानी नागरिक रहते हैं।

पाकिस्तान में कितने हिन्दू

वहीं, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की कुल संख्या 356,800 है। जबकि, बंगाली निवासियों की संख्या 26,900 है। इसके अलावा देश में रह रहे अन्य विदेशी नागरिकों की संख्या 172,158 हैं। पाकिस्तान में 21,260,079 अफगान, बंगाली, चीनी और अन्य विदेशी नागरिक रहते हैं। जबकि लगभग 8,700,000 हिंदू, ईसाई, अहमदिया और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक देश में रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 5 से 16 वर्ष की आयु के 25,370,700 बच्चे वर्तमान में स्कूल की शिक्षा से वंचित हैं।

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