भोपाल में 10 दिनों में 30 प्रतिष्ठानों से 100 नमूने लिए, लेकिन अब तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई

भोपाल में 10 दिनों में 30 प्रतिष्ठानों से 100 नमूने लिए, लेकिन अब तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई

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दीपावली के मद्देनजर मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर रही है। टीम ने बीते 10 दिन में 30 प्रतिष्ठानों से मावा, पनीर, दूध से बने पदार्थ, मिठाई, नमकीन सहित अन्य खाद्य पदार्थों के लगभग 100 नमूने लिए हैं।

जिन्हें जांच के लिए राज्य स्तरीय प्रयोगशाला भेजा गया है लेकिन इनकी रिपोर्ट नहीं मिल पाएगी। जिससे यह खुलासा नहीं हो सकेगा कि यह खाद्य पदार्थ असली हैं या फिर नकली।वहीं दीपावली पर शहर में मिष्ठान प्रतिष्ठानों ने विभिन्न तरह की मिठाईयां बनाकर बेचने के लिए रख ली है। इनमें मिलावट की गई है या नहीं इससे ग्राहक अंजान ही रहेंगे।

पूर्व में प्रतिष्ठानों से लिए गए हैं नमूने

सांची पार्लर एवं बेकरी, कृष्णा स्वीट्स नेशनल डेयरी, कान्हा डेयरी, राजू नमकीन, अग्रवाल डेयरी, आकाश स्वीट्स, गणपति बीकानेर, राजस्थान स्वीट्स , स्टैंडर्ड डेयरी, अशोक होटल, आरके नमकीन, भारत डेयरी, जैन फूड इंडस्ट्रीज, चंचल स्वीट्स, क्वालिटी स्वीटस, रोहैद स्वीट्स,तिलकराम स्वीट्स, कुबेर डेयरी, क्वालिटी स्वीट्स ,वर्षा स्वीट्स , बृज स्वीट्स, सदगुरू किराना एवं जनरल स्टोर, न्यू मनोहर किराना, कुंदन नमकीन, गणेश नमकीन और डीएसपी नमकीन से मावा, मिठाई सहित अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लिए हैं।

शनिवार को छह प्रतिष्ठानों से लिए 11 नमूने

खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम ने शनिवार को शैतान सिंह मार्केट शाहपुरा स्थित बीकानेर स्वीट्स से मावा, मिल्क केक, मुरैना डेयरी से बादाम बर्फी,मावा बर्फी, बैरसिया स्थित मंशाराम किराना से गुलाबजामुन मिक्स, वनस्पति सोनू रेस्टोरेंट से मिल्क केक, पिस्ता बर्फी, रायसेन रोड स्थित बीकानेर स्वीट्स से मलाई बर्फी, नमकीन, शक्ति नगर, भेल स्थित व्यंजन रेस्टोरेंट से बर्फी के कुल 11 नमूने लेकर प्रयोगशाला भेज हैं।

14 दिन का समय, लेकिन लगता है एक महीना

जिले में खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम द्वारा लिए जा रहे मावा, मिठाई सहित अन्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जाते हैं। इनकी जांच रिपोर्ट नियमानुसार 14 दिन में मिलना चाहिए लेकिन एक मात्र प्रयोगशाला होने और स्टाफ की कमी के चलते इसमें लगभग एक महीने का समय लग जाता है। इस बीच त्योहार पर सभी तरह के खाद्य पदार्थ की बिक्री व्यापारियों द्वारा धड़ल्ले से कर दी जाती है। जबकि इसका पता ही नहीं चलता है कि इनमें मिलावट कितनी की गई है। ऐसा हर साल त्योहार पर ही किया जाता है। कई बार तो लगता है कि कहीं यह खानापूर्ति तो नहीं हो रही।

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