रेलवे ट्रैक की मानिटरिंग करने वाले पाइंटमैन के उस हिसाब से पद नहीं भरे जा रहे है। भोपाल रेल मंडल में ही बड़ी संख्या में पाइंटमैन 400 (ट्रैकमैन) के पद खाली है। ऐसे में मौजूदा पाइंटमैन को अधिक काम करना पड़ रहा है। इसके अलावा अन्य सेफ्टी कैटेगरी के पद खाली है।
एक तरफ जहां देश में अलग-अलग स्थानों पर बीते तीन महीने में ट्रेन पटरी से उतारने की कोशिश की गई है। ऐसे में रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर व गैस सिलेंडर मिले है। रेलवे की ऐसी लगभग आठ से अधिक घटनाएं सामने आ चुकी है।
रेलवे ट्रैक की मानिटरिंग करने वाले पाइंटमैन के उस हिसाब से पद नहीं भरे जा रहे है। भोपाल रेल मंडल में ही बड़ी संख्या में पाइंटमैन 400 (ट्रैकमैन) के पद खाली है। ऐसे में मौजूदा पाइंटमैन को अधिक काम करना पड़ रहा है। इसके अलावा अन्य सेफ्टी कैटेगरी के पद खाली है। रेलवे की ओर से भोपाल मंडल में तीसरी लाइन शुरू कर दी है। लेकिन नए पद सृजित नहीं किए है। ऐसे में अन्य लाइन का भी पाइंटमैन पर काम का भार बढ़ गया है।
233 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन शुरू
रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधा व ट्रेनों की स्पीड़ बढ़ाने की दिशा में काम करते हुए बीना से भोपाल एवं भोपाल से इटारसी के बीच 233 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। साथ ही अधिकांश सेक्शन पर रेल यातायात भी शुरू की दी गई है। लेकिन रेलवे की ओर से रेल लाइन की सही मानिटरिंग हो सके, इसके लिए पाइंटमैन के नए पद सृजित नहीं किए।
सीआरबी को ज्ञापन दिया
भोपाल रेल मंडल में लगभग ट्रैकमैन के करीब 400 पद पहले खाली है। इस मामले को लेकर भोपाल मंडल के दौरे पर आए रेलवे बोर्ड चेयरमैन (सीआरबी) को वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन की ओर से ज्ञापन दिया गया है। इसमें जल्द से जल्द भर्ती कराने की मांग की है।
इनका कहना है
वर्तमान में भोपाल रेल मंडल में करीब एक हजार से अधिक पदों पर भर्ती किए जाना चाहिए। तब जाकर रेलवे ट्रैक की सही तरह से मानिटरिंग हो सकेगी। इसके अलावा अन्य सेफ्टी कैटेगरी के पद खाली है।
टीके गौतम, अध्यक्ष, वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन