[ad_1]
भारत के महान गोलकीपर और हॉकी टीम के पूर्व कप्तान पीआर श्रीजेश ने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। पीआर श्रीजेश का ये रिटायरमेंट तत्काल प्रभाव से नहीं है, बल्कि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि पेरिस ओलंपिक उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। हॉकी इंडिया ने भी इस महान खिलाड़ी को शुभकामनाएं दी हैं। पीआर श्रीजेश को पेरिस ओलंपिक गेम्स के लिए पहले ही हॉकी टीम में चुना जा चुका है। ऐसे में टूर्नामेंट में जो भी टीम इंडिया का आखिरी मैच होगा, वह पीआर श्रीजेश का भी आखिरी मैच होगा। यही कारण है कि टीम चाहेगी कि वे पदक के साथ अपने करियर को विराम दें।
36 साल के पीआर श्रीजेश ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “जब मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपने अंतिम अध्याय की दहलीज पर खड़ा हूं, तो मेरा दिल कृतज्ञता और आत्मचिंतन से भर गया है। यह यात्रा असाधारण से कम नहीं रही है और मैं अपने परिवार, टीम के साथियों, कोचों और प्रशंसकों से मिले प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।” भारत की हॉकी टीम अब ‘विन इट फॉर श्रीजेश’ कैंपेन के साथ टूर्नामेंट में आगे बढ़ेगी और एक मोटिवेशन टीम को मिलेगा कि उनको अपने दिग्गज खिलाड़ी को गिफ्ट करने के लिए बहुत कुछ होगा। सोने का तमगा टीम हासिल करना चाहेगी।
328 अंतरराष्ट्रीय मैच, तीन ओलंपिक गेम्स, राष्ट्रमंडल खेल और विश्व कप खेल चुके श्रीजेश अपना चौथा ओलंपिक खेलने के लिए उतरेंगे। 2010 विश्व कप में पदार्पण करने वाले श्रीजेश भारत के लिए कई यादगार जीत का हिस्सा रहे हैं, जिसमें 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण, जकार्ता-पालेमबांग में कांस्य पदक, 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता टीम, भुवनेश्वर में 2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल की स्वर्ण पदक विजेता टीम और बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम शामिल है।
गोलकीपर श्रीजेश टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में भारत की ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत के मुख्य खिलाड़ियों में से एक थे। उन्होंने एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2021/22 में भारत के तीसरे स्थान पर रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। श्रीजेश को 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया और वे वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर 2021 का पुरस्कार जीतने वाले भारत के केवल दूसरे खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2021 और 2022 में क्रमशः लगातार FIH गोलकीपर ऑफ द ईयर पुरस्कार भी जीते हैं। पिछले साल, उन्होंने एशियाई खेलों में भारत के स्वर्ण पदक जीतने के अभियान में अहम भूमिका निभाई थी, जिसने पेरिस 2024 के लिए टीम की बर्थ को पक्का कर दिया था।
[ad_2]