माओवादियों का खात्मा हुआ तेज,बस्तर संभाग में इस साल 153 नक्सली ढेर

माओवादियों का खात्मा हुआ तेज,बस्तर संभाग में इस साल 153 नक्सली ढेर


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर माओवादी आतंकियों का खात्मा तेजी से हो रहा है। वर्ष 2024 में अब तक बस्तर संभाग में माओवादियों के विरूद्धहुई कार्रवाई में 153 से अधिक उग्रवादियों को मार गिराया गया। बीते आठ महीनों में बस्तर संभाग के अंतर्गत सुरक्षा बलों द्वारा तेलंगाना राज्य के निवासी माओवादी कैडर डीकेएसजेडसी सदस्य जोगन्ना, डीकेएसजेडसी सदस्य रंधीर,टीएससी सदस्य, सीआरसी कमाण्डर सागर,डीवीसीएम विनय उर्फ रवि जैसे शीर्ष माओवादी कैडर्स के शव अलग-अलग मुठभेड़ में बरामद किए गए।

इस अवधि में महाराष्ट्र राज्य निवासी माओवादी कैडर एसीएम संगीता उर्फ सन्नी तथा ओडिशा निवासी पीपीसीएम लक्ष्मी का भी शव मुठभेड़ के पश्चात बरामद किया गया। इस प्रकार बड़ी संख्या में अन्य प्रांत के रहने वाले शीर्ष माओवादी कैडर्स का नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारा जाना छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ है।

शीर्ष माओवादी कैडर की फेल होती रणनीति

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने बताया कि प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन द्वारा एक रणनीति के तहत सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान स्थानीय नक्सली कैडर्स को एक मानव सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बाहरी राज्य के शीर्ष माओवादी कैडर्स इसका फायदा उठाते हैं और मौके से अपनी जान बचाकर भाग जाते हैं। लेकिन हाल-फिलहाल में हुये मुठभेड़ों के दौरान बाहर राज्य के शीर्ष माओवादी कैडर्स की यह रणनीति विफल होते हुये नजर आ रही है।

माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व में मची खलबली

पुलिस को विश्वनीय सूत्रो से मिल रही सूचना से यह बात सामने आ रही है कि वर्ष 2024 में तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र एवं अन्य प्रांत के सीनियर कैडर्स की हो रही र्दुगति को देखते हुये माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व में खलबली मच गई है। इससे बाहर के माओवादी कैडर्स द्वारा स्थानीय माओवादी कैडर्स के ऊपर शक किया जाने लगा है। उन्हें कई प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे माओवादी संगठन में विश्वासघात व विद्रोह की स्थिति निर्मित हो रही है।

माओवादी शीर्ष नेतृत्व द्वारा माओवादी संगठन के इन सभी अंदरूनी कलह से खुद के माओवादी कैडर तथा जनता का ध्यान भटकाने के लिये ख़ुद के द्वारा मारे नक्सलियों को पुलिस मुखबिर/क्रान्तिकारी विरोधी/संगठन की गद्दारी करने जैसे मनगढ़ंत कहानी बताते हुये झूठे एवं तथ्यविहीन प्रेस विज्ञप्ति जारी की जा रही है।