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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार को ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से महाराष्ट्र के 83 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। इस कार्य के लिए सीआरपीएफ के 55 सशस्त्र जवानों की एक टीम को तैनात किया गया है।
सू्त्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन की समीक्षा में पवार को मजबूत सुरक्षा प्रदान करने की सिफारिश की गई है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने उन्हें ‘जेड प्लस’ श्रेणी का सुरक्षा घेरा प्रदान किया है। सूत्रों के अनुसार सीआरपीएफ की एक टीम इस कार्य को करने के लिए पहले से ही महाराष्ट्र में है। ‘जेड प्लस’ सुरक्षा सशस्त्र वीआईपी सुरक्षा की सर्वोच्च श्रेणी है। वीआईपी सुरक्षा श्रेणी का वर्गीकरण उच्चतम ‘जेड प्लस’ से शुरू होता है। इसके बाद ‘जेड’, ‘वाई प्लस’, ‘वाई’ और ‘एक्स’ आते हैं।
बता दें कि शरद पवार तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे 1978-1980, 1988-1991, और 1993-1995 तक महाराष्ट्र के सीएम रहे। इसके अलावा, पवार ने केंद्र सरकार में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। उन्होंने कृषि मंत्री, रक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। 1999 में उनके द्वारा सह-स्थापित एनसीपी को पिछले साल जुलाई में उनके भतीजे अजित पवार ने विभाजित कर दिया था। चुनाव आयोग ने अजीत गुट को ‘असली’ एनसीपी के रूप में मान्यता दी है। फिलहाल एनसीपी (एसपी) ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा शाखा एक स्पेशल यूनिट है जो केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बताए गए लोगों को सुरक्षा प्रदान करती है। इन वीआईपी में केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, राजनेता, सरकारी अधिकारी, आध्यात्मिक नेता, व्यवसायी और अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल हैं। इस बीच, पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बुधवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया कि उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को हटा दिया जाए। फडणवीस महाराष्ट्र के गृह मंत्री भी हैं। उन्होंने ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में सफाईकर्मी द्वारा दो चार वर्षीय लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न के बाद फडणवीस से यह अपील की।
उन्होंने एक बयान में कहा कि पुलिस बल का एक बड़ा हिस्सा वर्तमान और पूर्व सांसदों को सुरक्षा प्रदान करने में लगा हुआ है और इन सांसदों में वह खुद भी शामिल हैं। सुले ने कहा कि हालांकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर वर्तमान दबाव को देखते हुए, ऐसी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना उचित नहीं है। राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसलिए मैं गृह मंत्री से अनुरोध करती हूं कि मेरी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को तुरंत हटाया जाए। इन अधिकारियों को जनता की सुरक्षा में तैनात किया जाना चाहिए।’’
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