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जबलपुर हाई कोर्ट ने लव जिहाद के आरोप में युवती को नारी निकेतन भेजने और युवक को अज्ञात स्थान पर रखने का निर्देश दिया। 12 नवंबर को दोनों के बयानों के बाद शादी की प्रक्रिया की जाएगी। युवती के परिवार से खतरे की आशंका।
हाई कोर्ट ने लव जिहाद के आरोप के मामले में युवती को 11 नवंबर तक शास्त्री ब्रिज स्थित राजकुमारी बाई बाल निकेतन भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं, युवक को फिलहाल किसी अज्ञात स्थान में रखने और स्थिति अनुकूल होने पर उसके घर भेजने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान युवक-युवती एक दूसरे से संपर्क नहीं करेंगे।
12 नवंबर तक दोनों पुलिस की निगरानी में
न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने जबलपुर के पुलिस अधीक्षक जबलपुर को निर्देश दिए कि युवक व युवती को कड़ी सुरक्षा में उनके स्थान पर पहुंचाएं। कोर्ट ने साफ कहा कि यह पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि दोनों में किसी को भी कोई क्षति न पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि 12 नवंबर को युवती को नारी निकेतन से मैरिज रजिस्ट्रार के यहां ले जाएं और शादी के पहले उसके बयान दर्ज कराएं।
शादी के लिए मांगी सुरक्षा
बता दें कि इंदौर निवासी युवती व जबलपुर के सिहोरा निवासी युवक की ओर से कोर्ट में कहा गया कि वे दोनों एक दूसरे को पिछले चार साल से जानते हैं। पिछले एक साल से वे लिव-इन में रह रहे हैं और अब दोनों शादी करना चाहते हैं। उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए, क्योंकि युवती के परिवार वाले उसे जबरन अपने साथ ले जाना चाहते हैं और दोनों की जान को खतरा है।
शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता एसके श्रीवास्तव ने अंडरटेकिंग दी कि युगल को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी को भी कोई क्षति नहीं पहुंचे।
लव जिहाद का आरोप
युवती के पिता की ओर से अधिवक्ता जीपी सिंह ने कहा कि युवक ने लड़की का ब्रेनवाश कर दिया है। उसे लव जिहाद अभियान के तहत निशाना बनाया गया है। युवती को उसके परिवार वालों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह दलील भी दी गई कि मुस्लिम ला के तहत मूर्तिपूजक या अग्नि की पूजा करने वाले से शादी अवैध कहलाती है।
यह है मामला
जबलपुर की सिहोरा तहसील के बाबली मोहल्ला वार्ड क्रमांक पांच निवासी 29 वर्षीय हसैनन अंसारी और इंदौर निवासी युवती भोपाल में एक निजी कंपनी में साथ काम करते हैं। दोनों ने सात अक्टूबर को जबलपुर कलेक्ट्रेट में न्यायालय अपर कलेक्टर एवं विवाह अधिकारी के यहां शादी का आवेदन दिया। आवेदन मिलने पर विवाह अधिकारी ने दोनों के परिजनों को नोटिस जारी कर 12 नवंबर को सुनवाई तिथि निर्धारित की। परिजन निर्धारित तारीख को संबंधित कार्यालय पहुंचकर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
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