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अडानी की नजर जर्मनी की हीडलबर्ग मैटेरियल्स पर है। जर्मनी की की भारतीय सीमेंट कंपनी के अधिग्रहण करने के लिए ग्रुप ने बातचीत शुरू कर दी है। इस मामले के एक जानाकर ने कहा कि हीडलबर्ग की भारतीय यूनिट के प्रस्तावित अधिग्रहण का नेतृत्व अडानी ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स करेगी और इसकी कीमत लगभग 1.2 अरब डॉलर (10,000 करोड़ रुपये) हो सकती है।
सीमेंट बनाने वाली भारत की टॉप कंपनी अल्ट्राटेक भी अपनी पोजीशन को बनाए रखने के लिए कंपनियों का अधिग्रहण कर रही है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी अडानी ग्रुप ने 2022 में होलसिम के भारतीय ईकाई का अधिग्रहण करके इस क्षेत्र में प्रवेश किया था।
सूत्रों ने कहाा है कि अडानी भी इस सौदे को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ना चाहता है। 30 जून, 2024 को अंबुजा सीमेंट्स के पास 18,299 करोड़ रुपये की नकदी और कैश इक्वीवैलेंट थे। हालांकि, भारतीय ग्रुप इस सौदे से बाहर निकल सकता है अगर यह अन्य दावेदारों को शामिल करते हुए एक पूर्ण बिक्री प्रक्रिया बन जाती है।
हीडलबर्ग दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादकों में से एक
जर्मन कंपनी भारत में लिस्टेड हीडलबर्ग सीमेंट इंडिया और नॉन-लिस्टेड जुआरी सीमेंट के जरिए बाजार में अपनी उपस्थति दर्ज कराती है। लिस्टेड यूनिट का मार्केट कैप 4,957 करोड़ रुपये है और इसमें 69.39% हिस्सेदारी मूल कंपनी की है। हीडलबर्ग दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादकों में से एक है और 50 देशों में मौजूद है।
सूत्रों ने कहा कि हीडलबर्ग मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी भारतीय समूह के साथ बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि, दोनों ग्रुप्स को उत्पादन क्षमता के संभावित मुद्दे पर सहमत होना होगा, जबकि हीडलबर्ग का दावा है कि इसकी क्षमता लगभग 14 मिलियन टन (वेबसाइट के अनुसार) है, यह कम हो सकती है और इसलिए मूल्यांकन को प्रभावित कर सकती है।
इन ब्रांड नेम से सीमेंट बेचती है हीडलबर्ग
हीडलबर्ग ने 2006 में मैसूर सीमेंट, कोचीन सीमेंट और इंडोरामा सीमेंट के साथ एक संयुक्त उद्यम के अधिग्रहण के साथ देश में प्रवेश किया। 2016 में इटालसीमेंटी के अधिग्रहण के बाद, समूह ने अपनी वेबसाइट के अनुसार भारत में अपनी उपस्थिति दोगुनी कर 14 मिलियन टन का दावा किया। हीडलबर्ग और अडानी ग्रुप ने प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया।
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