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भारतीय निशानेबाज अर्जुन बबूता का सोमवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में दिल टूट गया। वह पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में मामूली अंतर से मेडल जीतने से चूक गए। बबूता के पास एक समय भारत को पेरिस में दूसरा मेडल दिलाना का शानदार अवसर था मगर उन्होंने चौथे स्थान फिनिश किया। वह दूसरे स्थान पर पहुंचने के बाद फिसले। उन्होंने 208.4 स्कोर किया। वहीं, चीन के शेंग लिहाओ ने 252.2 के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड पर कब्जा जमाया। स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन को सिल्वर और क्रोएशिया के क्रोएशिया के मिरान मारिसिच ने ब्रॉन्ज अपने नाम किया।
बबूता को ये शॉट पड़ गया भारी
बबूताको मारिसिच के 10.7 के जवाब में 9.5 का शॉट भारी पड़ गया। उन्होंने फाइनल का आगाज 10.7 से किया और फिर 10.2 स्कोर किया। तीसरे शॉट पर 10.5 स्कोर के साथ वह चौथे स्थान पर पहुंचे। उसके बाद 10.4 के साथ तीसरे स्थान पर पहुंचे। उन्होंने पहली सीरिज 10.6 पर खत्म की। उन्होंने दसरी सीरिज में 10.7, 10.5, 10.8 के पहले तीन शॉट लगाए। वह इस समय लिहाओ से महज 0.1 अंक ही पीछे थे। बबूता के हाथ से भले ही मेडल फिसल गया लेकिन ओलंपिक में उनके शानदार प्रदर्शन की तारीफ हो रही है। उनके 20 शॉट में से केवल 2 शॉट ही 10.0 से नीचे रहे।
बबूता को लेकर लोगों ने ये कहा
एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ”पर लिखा, ”अर्जुन गोल्ड मेडलिस्ट से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थे। मेडल नहीं जीतने से उनका दिल टूट गया। लेकिन उन्होंने बहुत अच्छी फाइट की।” दूसरे ने कहा, ”अर्जुन मेडल के इतना नजदीक आकर चूक। लेकिन फिर भी यह बेहद प्रेरणादायक है। पोडियम से बस थोड़ा दूर रहे मगर कितना कमाल का प्रयास रहा। शाबाश।” तीसरा ने कमेंट किया, ”मेडल से बस कुछ ही दूर रह गए! बाबूता भले ही चौथे स्थान पर रहे लेकिन हमें उनपर गर्व है।” अन्य ने लिखा, ”पदक नहीं मिला मगर हमें आप पर गर्व है। आपको भी खुद पर गर्व होना चाहिए।”
भारत को निशानेबाजी में इनसे उम्मीद
मनु भाकर ने पेरिस में भारत का मेडल का खाता खोला था। उन्होंने रविवार को महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज जीता था। वहीं, मनु ने एक और मेडल की उम्मीद जगाई है। उन्होंने सोमवार को सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा के कांस्य पदक के मुकाबले के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। मनु और सरबजोत ने का सामना मंगलवार को कोरिया से होगा। भारत की रमिता जिंदल महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में सातवें स्थान पर रहीं। रमिता ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 145.3 स्कोर किया।
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