उज्जैन में प्रशासन ने ढहाए 50 मकान, शासकीय जमीन खाली कराने 4 साल तक दिए गए थे नोटिस

उज्जैन में प्रशासन ने ढहाए 50 मकान, शासकीय जमीन खाली कराने 4 साल तक दिए गए थे नोटिस

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उज्जैन में जिला प्रशासन ने शनिवार को जूना सोमवारिया में 50 अवैध मकान ध्वस्त कर दिए, जिनकी कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रशासन ने चार वर्षों तक जमीन खाली कराने के प्रयास किए थे। प्रभावित लोग कालोनाइजर रफीक खान पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं, जिसने उन्हें अवैध जमीन पर बसाया।

जिला प्रशासन ने शनिवार को जूना सोमवारिया स्थित हेला जमातखाने के पीछे शासकीय जमीन पर 50 मकान पोकलेन चलाकर ढहा दिए। जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। तहसीलदार रूपाली जैन ने बताया कि यह जमीन खाली कराने को प्रशासन चार वर्ष से प्रयास कर रहा था। विधि सम्मत नोटिस आदि की कार्रवाई पूरी करने के बाद ही कार्रवाई की है। विस्थापन का लाभ किसी को भी नहीं दिया है।

लोगों से फ्रॉड

कालोनाइजर रफीक खान ने लोगों को एक्स लोकेशन की रजिस्ट्री कराकर जेड लोकेशन पर बसा दिया था। इसके लिए रुपये किस्तों में लिए थे। संबंधित के खिलाफ 2021 में नगर निगम ने थाने में केस भी दर्ज कराया था। फिलहाल रफीक जमानत पर बाहर है।

मासिक किस्तों में चुकाया

प्रभावित लोगों का कहना है कि रफीक खान ने शेर बहादुर, इजराइल और परवेज को कालोनी काटने का काम दिया था। ढाई लाख रुपये में भूखंड दिए थे। ज्यादातर लोगों ने मासिक किस्तों में रुपया चुकाया था। कालोनाइजर ने भूमि सर्वे क्रमांक 739/1 पर लोगों को बसाया और रजिस्ट्री सर्वे क्रमांक 739/1 की करवा दी। मतलब लोगों से धोखाधड़ी की। इस पूरे गंभीर मामले में भोले-भाले लोगों का रुपया गया, मकान गया मगर कालोनाइजर का अब तक कुछ न बिगड़ा।

कार्रवाई एसडीएम एलएन गर्ग, तहसीलदार जैन ने नगर निगम व पुलिस बल के सहयोग से करवाई। बता दें कि एक दिन पहले सिंहस्थ क्षेत्र में अतिक्रमणस्वरुप बने मकान नगर निगम ने ढहाए थे। तहसीलदार का कहना है कि दो दिन में 91 मकान ढहाए हैं। सिंहस्थ क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।

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