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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा ने अपने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। यह पहली बार है कि बीजेपी ने चुनाव की घोषणा से पहले उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। उज्जैन जिले की दो सीटों तराना और घट्टिया विधानसभा के लिए भी उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। इन दोनों सीटों पर भी कांग्रेस का कब्जा है। इन सीटों पर जीत-हार का रिकॉर्ड देखें तो एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के उम्मीदवार जीतते रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह रिवाज इस बार भी कायम रहता है।
घट्टिया से सतीश मालवीय और तराना से ताराचंद गोयल उम्मीदवार
उज्जैन की ग्रामीण विधानसभा घट्टिया से सतीश मालवीय और तराना से ताराचंद गोयल को उम्मीदवार बनाया गया है। साल 2013 में घट्टिया से बीजेपी से चुनाव लड़कर सतीश मालवीय जीते थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल मालवीय को 17,369 मतों से हराया था। इस चुनाव में सतीश मालवीय को 74,092 और रामलाल मालवीय को 56,723 वोट मिले थे। 2018 में भाजपा ने कांग्रेस से आए प्रेमचंद गुड्डू के बेटे अजीत बौरासी को टिकट दिया था। कांग्रेस के रामलाल मालवीय ने उन्हें हराकर सीट जीत ली थी।
सतीश मालवीय पर जताया भरोसा
साल 2018 में कांग्रेस के रामलाल मालवीय को 79,639 मत मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी अजीत बोरासी को 75011 मत मिले थे। कांग्रेस ने 4688 से चुनाव जीता था। साल 2023 में भाजपा ने फिर से सतीश मालवीय पर भरोसा जताया है। घट्टिया विधानसभा में 2023 में कुल 2,18,558 मतदाता हैं। इसमें महिला 1,06,905 और पुरुष 1,11,403 हैं। घट्टिया विधानसभा का चुनावी रिकॉर्ड देखें तो पता चलता है कि 1980 से 2018 तक 9 बार यहां चुनाव हुआ है। इसमें 1980 से 2018 तक 5 बार बीजेपी और 4 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
घट्टिया विधानसभा सीट की हिस्ट्री
घट्टिया विधानसभा सीट पर 1980 में बीजेपी, 1985 में कांग्रेस, 1990 में बीजेपी, 1995 में बीजेपी, 1998 में कांग्रेस, 2003 में बीजेपी, 2008 में कांग्रेस, 2013 में बीजेपी, 2018 में कांग्रेस ने चुनाव जीता है। 2013 में भाजपा प्रत्याशी सतीश मालवीय और कांग्रेस से रामलाल मालवीय चुनाव लड़ चुके है। मौजूदा वक्त में कांग्रेस के रामलाल मालवीय विधायक हैं।
तराना विधानसभा सीट का इतिहास
तराना विधानसभा सीट पर कुल मतदाता 184529 हैं जिनमें 90437 महिला और 93690 पुरुष और 6 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। यह भाजपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। इस सीट से इस बार 2003 में भाजपा से जीते ताराचंद मालवीय को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा के ताराचंद गोयल को 2003 में 51,729 मत मिले थे जबकि कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय को 38,730 मत मिले थे। भाजपा ने यह सीट 12,999 मतों से जीती थी। इस सीट से 1980 से 2018 तक 5 बार भाजपा ने चुनाव जीता है जबकि 4 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
मौजूदा विधायकों पर विश्वास जता सकती है कांग्रेस
तराना विधानसभा सीट पर 1980 में कांग्रेस, 1985 में कांग्रेस, 1990 में भाजपा, 1995 में भाजपा, 1998 में कांग्रेस, 2003 में भाजपा, 2008 में कांग्रेस, 2013 में भाजपा और 2018 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 2018 का रिकॉर्ड देखे तो तराना और घटिया विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में तराना विधानसभा में कांग्रेस के महेश परमार ने अनिल फिरोजिया को चुनाव हराया जबकि घटिया विधानसभा में रामलाल मालवीय ने अजित बोरसी को शिकस्त दी थी। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस दोनों सीटों से मौजूदा विधायकों को मौका दे सकती है।
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