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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की अमृतसर में हुई बैठक में हिमाचल के मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई है। एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि कंगना के खिलाफ चंडीगढ़ एयरपोर्ट विवाद के बाद सीआईएसएफ जवान कुलविंदर कौर का तो ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन कंगना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पंजाबियों के खिलाफ नफरत फैलाने पर पंजाब सरकार को कंगना के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए।
पंजाबियों व सिख पर्यटकों पर हमले को लेकर हिमाचल सरकार को चेताया
वहीं, धामी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पंजाबियों व सिखों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर हिमाचल सरकार को सोचना चाहिए। इससे उनका तो कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन हिमाचल के टूरिस्ट कम हो जाएंगे। गौरतलब है कि पंजाब के सैलानियों से हिमाचल में मारपीट और हमले के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, बैठक में राजस्थान के जोधपुर में ज्यूडिशियल परीक्षा में सिख कंडीडेट की किरपाण उतारने पर भी कड़ा नोटिस लिया गया। धामी ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में राजस्थान सरकार को आदेश देना चाहिए कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वालों पर केस दर्ज किया जाए।
योगा गर्ल अर्चना मकवाना को नहीं दी जाएगी माफी
योग दिवस के मौके पर गुजरात की साेशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना के गोल्डन टेंपल में योग करने के विवाद पर एसजीपीसी प्रधान धामी ने कहा कि उसे माफी नहीं दी जाएगी। एडवोकेट धामी ने कहा कि माफी मांगने पर सिख धर्म माफ कर देता है, लेकिन यह शरारत है। इससे सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। योग करना गलत नहीं हैं। दुनिया योग करती है लेकिन श्री हरमंदिर साहिब कोई सैरगाह नहीं हैं। अर्चना मकवाना को कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में श्री हरमंदर साहिब में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को लेकर नियम बनाए जाएंगे, हालांकि तत्काल प्रभाव से किसी भी कलाकार या अभिनेता को अपने प्रचार के लिए वीडियोग्राफी करने पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
राहुल गांधी के बयान पर जताई आपत्ति
एसजीपीसी ने भारत की संसद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा अभय मुद्रा को श्री गुरु नानक देव के दर्शन और छवि के संबंध से जोड़ने पर कड़ा नोटिस लेते हुए स्पष्ट किया कि पवित्र गुरबानी और गुरुओं की शिक्षाओं को इसका हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। पूरी जानकारी के बिना राजनीतिक बहस नहीं करनी चाहिए।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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