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केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, केंद्र सरकार ने लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) के तहत जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर क्षेत्र की यात्रा की अनुमति देने वाली योजना को दो साल तक बढ़ा दिया है। पहले योजना की अवधि 25 सितंबर 2024 को खत्म हो रही थी लेकिन अब सरकारी कर्मचारी योजना के तहत 25 सितंबर, 2026 तक लाभ उठा सकते हैं। बता दें कि पात्र केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एलटीसी का लाभ उठाने पर पेड लीव के अलावा आने-जाने की यात्रा के टिकटों की प्रतिपूर्ति भी मिलती है।
क्या है सरकारी आदेश में
हाल ही में कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि सभी पात्र सरकारी कर्मचारी चार साल की ब्लॉक अवधि में अपने एक होम टाउन एलटीसी में परिवर्तन के बदले इन क्षेत्रों (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर क्षेत्र) में किसी भी स्थान पर जाने के लिए एलटीसी का लाभ उठा सकते हैं। आदेश के अनुसार, जो सरकारी कर्मचारी हवाई यात्रा के हकदार नहीं हैं, उन्हें भी इन क्षेत्रों के लिए किसी भी एयरलाइन द्वारा इकोनॉमी क्लास में हवाई यात्रा करने की अनुमति है।
आदेश के मुताबिक सरकारी कर्मचारी जो हवाई यात्रा के हकदार हैं, वे अपने हेडक्वार्टर से हकदार श्रेणी में उड़ानें बुक कर सकते हैं। गैर-हकदार कर्मचारियों को कुछ खास रूट्स पर इकोनॉमी क्लास में हवाई यात्रा करने की अनुमति है। ये खास रूट्स हैं:
-कोलकाता/गुवाहाटी और पूर्वोतर क्षेत्र में किसी भी स्थान के बीच
-कोलकाता/चेन्नई/विशाखापत्तनम और पोर्ट ब्लेयर के बीच
-दिल्ली/अमृतसर और जम्मू-कश्मीर/लद्दाख के किसी भी स्थान के बीच
बुकिंग नियम
हवाई टिकट बुक करते समय कर्मचारियों को सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। इसमें वैध ट्रैवल एजेंटों का उपयोग करना और सर्वोत्तम उपलब्ध किराए का इस्तेमाल करना शामिल है। इसके अलावा सही बुकिंग समय और रिम्बर्समेंट का चयन करने से संबंधित नियमों का पालन करना भी जरूरी है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) एलटीसी लाभों के दुरुपयोग को रोकने की आवश्यकता पर भी जोर देता है। सरकार के आदेश में मंत्रालयों और विभागों से कहा गया है कि क्लेम की गई रकम के मुकाबले वास्तविक यात्रा खर्चों को सत्यापित करने के लिए कर्मचारियों द्वारा जमा किए गए हवाई टिकटों पर रेंडम ऑडिट करें।
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