खेल संघों और खिलाड़ियों से संबंधित विवादों का होगा निराकरण, जल्द होगी नेशनल खेल ट्रिब्यूनल की स्थापना

खेल संघों और खिलाड़ियों से संबंधित विवादों का होगा निराकरण, जल्द होगी नेशनल खेल ट्रिब्यूनल की स्थापना


मप्र के खेलमंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने खेल संघाें के बीच बढ़ रह झगड़ों को आसानी से और जल्दी सुलझाने के लिए पिछले दिनों केंद्रीय खेल मंत्री डा. मनसुख मंडाविया को नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल के गठन करने का सुझावा दिया था। जिससे पर उन्होंने अश्वासन दिया है।

वर्तमान में कई खेल संघों में विवाद के कारण भारी संख्या में प्रतिभावान खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है। इसको लेकर प्रदेश के खेलमंत्री विश्वास सारंग ने अगस्त में केंद्रीय मंत्री डा. मंडाविया से मुलाकात की थी।

नई दिल्ली में आयोजित भारतीय खेल प्राधिकरण की जनरल बाडी की बैठक में खेल मंत्री सारंग ने भागीदारी की थी और लगातार चल रहे खेल संघों के विवादों को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल गठित करने का सुझाव दिया था। अब केंद्रीय खेल मंत्रालय ने जल्द ही नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल की स्थापना पर जोर दिया है।

जिससे नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल के गठन से खेल संघों व खिलाड़ियों से संबंधित विवादों का समय सीमा में निराकरण हो सकेगा। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री डा. मंडाविया ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए), राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और राष्ट्रीय खेल संवर्धन संगठनों (एनएसपीओ) के साथ राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 के मसौदे पर विचार-विमर्श के लिए अहम हितधारक परामर्श बैठक की।

इस दौरान उन्होंने खेल ट्रिब्यूनल की स्थापना पर जोर देते हुए कहा कि एथलीट केंद्रित महासंघों को सशक्त बनाकर, सुरक्षित खेल नीति पेश करके और एक अपीलीय खेल ट्रिब्यूनल की स्थापना करके, हम एक मजबूत ढांचा तैयार कर रहे हैं जो न केवल हमारे खिलाडि़यों को आगे बढ़ाएगा बल्कि वैश्विक खेल मंच पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।

केंद्रीय मंत्री मंडाविया से भेंट कर दिया था ट्रिब्यूनल की स्थापना का सुझाव

दरअसल अगस्त माह में मंत्री सारंग ने नई दिल्ली में केंद्रीय खेल मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर खेल संघों के विवाद से खिलाड़ियों और खेल को हो रहे नुकसान पर चर्चा कर नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल के गठन का सुझाव दिया था। जिस पर केंद्रीय खेल मंत्री ने सुझाव को गंभीरता से लेते हुए ट्रिब्यूनल के गठन का आश्वासन दिया था।