घोड़ों को भूखा-प्यासा रख तड़पाया, इलाज ना मिलने से हुई मौत; केस दर्ज होते ही मालिक फरार

घोड़ों को भूखा-प्यासा रख तड़पाया, इलाज ना मिलने से हुई मौत; केस दर्ज होते ही मालिक फरार


छत्तीसगढ़ की पुलिस ने जानवरों के एक मालिक के खिलाफ मौत का केस दर्ज किया है। मालिक के ऊपर अपने पालतू घोड़ो का ध्यान ना रखने, उन्हें खाना ना देने और बीमार होने के स्थिति में इलाज ना कराने का आरोप है। इन सब कारणों से दो घोड़ों की मौत हो गई है। यह केस भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के तहत दर्ज किया गया है। जिस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वह टिकरापारा थाना क्षेत्र के संतोष नगर इलाके का अयान परवेज है। फिलहाल पुलिस उसकी खोजबीन कर रही है।

परवेज के खिलाफ यह शिकायत पेटा नामक संस्था की सदस्य डॉ किरण आहूजा के द्वारा दर्ज कराई गई है। पेटा एक ऐसी संस्था है जो पशुओं के अधिकारों के लिए काम करती है। दो घोड़ों के साथ हो रहे गलत व्यवहार के बारे में 1 अगस्त को जानकारी मिली। दरअसल स्थानीय तौर पर सक्रीय कार्यकर्ताओं ने दोनों घोड़ों की तस्वीरें लेकर लोगों तक पहुंचाई थीं।

पेटा संस्था के लोगों को जब इसके बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए बीमार घोड़ों का इलाज कराने के लिए सरकार द्वारा चलाए जाने वाले पशुओं के अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि इसका कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि घोड़े काफी लंबे समय से बीमार थे और उनकी सही ढ़ंग से देखभाल ना होने के कारण मौत हो गई।

पीटीआई से बात करते हुए डॉ आहुजा ने कहा कि जानवरों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि लोग जानवरों के प्रति होने वाले अत्याचार की शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने बताया कि हमने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि जानवरों के प्रति होने वाली क्रूरता के लिए जुर्माना बढ़ाएं। ताकि लोग इस तरह के अत्याचार को बंद करें। साथ ही साथ लोगों को जागरुक होने की भी जरुरत है ताकि जानवरों के प्रति समाज में क्रूरता कम हो।