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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव के साथ भारत की साझेदारी एक-दूसरे के कल्याण और हितों के लिए मिलकर काम करने की गहरी इच्छा पर आधारित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि माले के साथ संबंध भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति की आधारशिलाओं में से एक है।
जयशंकर मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए मालदीव के ही बुलावे शुक्रवार शाम को तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे। मालदीव में पिछले साल चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद भारत की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
उनकी मालदीव यात्रा जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा के कुछ हफ्तों बाद हो रही है।
मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ वार्ता के बाद जयशंकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मालदीव के साथ भारत की साझेदारी एक-दूसरे के कल्याण और हितों के लिए मिलकर काम करने की हमारी गहरी इच्छा पर आधारित है। यह एक ऐसी साझेदारी है जिसने हमें चुनौतियों का हमेशा तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाब देने में सक्षम बनाया है जैसा कि अतीत में भी देखा गया है।’
उन्होंने कहा, मालदीव हमारी पड़ोसी पहले नीति की आधारशिलाओं में से एक है, यह हमारे ‘विजन सागर’ और साथ ही ‘ग्लोबल साउथ’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के लिए भी अहम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में संक्षेप में कहें तो – भारत के लिए पड़ोस प्राथमिकता है और पड़ोस में मालदीव प्राथमिकता है।’ जयशंकर ने कहा,‘‘हम इतिहास और रिश्तेदारी के सबसे करीबी सहयोगी भीहैं।’
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के नवंबर 2023 में शीर्ष कार्यालय का पदभार संभालने के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी। जयशंकर ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों द्वारा मिलकर हासिल की गई उपलब्धियों की समीक्षा करने तथा आने वाले वर्षों के लिए आकांक्षी खाका तैयार करने का अवसर है।
जून 2024 में दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभालने के बाद से जयशंकर की मालदीव की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। उनकी पिछली यात्रा जनवरी 2023 में हुई थी। जयशंकर की 11 अगस्त तक की तीन दिवसीय यात्रा मालदीव के उनके समकक्ष मूसा जमीर के निमंत्रण पर हो रही है। जयशंकर राष्ट्रपति मुइज्जू से शनिवार को मुलाकात करेंगे।
बता दें कि मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही वादा किया था कि वह भारत के सैनिकों को वापस भेज देंगे। मई में भारतीय सैनिक मालदीव से वापसी भी कर चुके हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने पहली विदेश यात्रा चीन की ही की थी। वहीं सोशल मीडिया पर जब उनके तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। अब एक बार फिर ऐसा लग रहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हो सकते हैं। मई में मालदीव के विदेशम ंत्री मूस जमीर भारत आए थे। भारत ने मालदीव के लिए आलू, प्याज, अंडे,चावल, आटे, दाल, चीनी, बालू और अन्य चीजों पर एक्सपोर्ट बैन भी हटा लिया है।
माले में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आने वाले दिनों में हमारे बीच संबंधों का नमूना देखने को मिलेगा। जयशंकर और मूसा ने मिलकर स्ट्रीट लाइटिंग, मेंटल हेल्थ और बच्चों की भाषा थेरपी से जुड़े संस्थानों का उद्घाटन किया। इसके अलावा दोनों देशों में डिजिटल पेमेंट को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
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