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जम्मू और कश्मीर में साथ मिलकर चुनाव लड़ीं कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार में अलग-अलग रह सकती हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने सरकार को बाहर से ही समर्थन देने का फैसला किया है। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया। इधर, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और एनसी के बीच सबकुछ ठीक होने की बात कही है।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस कैबिनेट से बाहर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह उन्हें तय करना है और उनके साथ हमारी चर्चा चल रही है। मैं मंत्री परिषद के सभी 9 रिक्त पद नहीं भरूंगा। कुछ रिक्त पद छोड़ दिए जाएंगे, क्योंकि हमारी कांग्रेस के साथ बातचीत चल रही है…। कांग्रेस और एनसी के बीच सबकुछ ठीक है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा नहीं होता तो खरगे जी, राहुल जी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यहां नहीं आ रहे होते। उनकी मौजूदगी बताती है कि गठबंधन मजबूत है और हम लोगों के लिए काम करेंगे।’ हाल ही में संपन्न जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6 और एनसी ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जम्मू और कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं।
उन्होंने कहा, ‘वो दिन गए जब आप 40-45 मंत्रियों को देखते थे। मुझे वह समय याद है, भगवान उनकी आत्मा को शांति दे मुफ्ती मोहम्मद सैय्यद के 2002 में जितने भी विधायक थे, उनमें लगभग सभी मंत्री थे या मंत्री का दर्जा प्राप्त थे। अब ऐसा नहीं है।’
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की जीत के बाद अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
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