छत्तीसगढ़ शराब घोटालाः हाईकोर्ट ने FIR को चुनौती देने वाली याचिकाएं की खारिज, पूर्व IAS टुटेजा को भी राहत नहीं

छत्तीसगढ़ शराब घोटालाः हाईकोर्ट ने FIR को चुनौती देने वाली याचिकाएं की खारिज, पूर्व IAS टुटेजा को भी राहत नहीं


छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस के आरोपियों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और एंटी करप्शन ब्यूरो के आर्थिक अपराध खाखा (EOW-ACB) द्वारा दर्ज नई FIR के खिलाफ दायर सभी 13 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। वहीं एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा को अंतरिम राहत दी थी, लेकिन अब टुटेजा को मिली अंतरिम राहत भी खारिज कर दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद से शराब घोटाले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं ED और 7 याचिकाएं ACB की EOW के खिलाफ दायर की गई थीं। दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शराब घोटाला मामले में ED की दोबारा की जा रही कार्यवाही और EOW-ACB की ओर से दर्ज प्राथमिकी यानी नई एफआईआर को चुनौती देते हुए खारिज करने के लिए याचिका दायर की गई थी। आपको बता दें कि शराब घोटाला केस में अभी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी सहित कई लोग जेल में बंद हैं।

पहले हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने याचिकाओं की सुनवाई की थी। 10 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था, जिसे आज सार्वजनिक किया गया है। ये याचिकाएं कारोबारी विधु गुप्ता, होटल व्यवसायी अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, अरुण त्रिपाठी, निरंजन दास, निदेश पुरोहित, यश पुरोहित की ओर से दायर की गई थीं। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने तर्क पेश किए।

ED के प्रतिवेदन पर दर्ज हुई है नई FIR

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा था कि एक बार सुप्रीम कोर्ट ने जब एफआईआर क्वेश कर दी थी, तब पुराने तथ्यों और आधारों पर ही फिर से नई एफआईआर दर्ज करना वैधानिक नहीं है। मामले में नए सिरे से जांच किए जाने के बाद ही यह कार्रवाई हो सकती थी। सभी पक्षों के तर्कों और बहस को सुनने के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा था। बता दें कि शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रतिवेदन पर ACB-EOW ने नए सिरे से एफआईआर दर्ज की है और इसकी जांच अभी भी चल रही है।