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UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा व्यवस्था में बदलाव की तैयारी कर रहा है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि UPSC एग्जाम में चीटिंग और फ्रॉड से बचने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद ले सकता है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), फेशियक रिकॉग्निशन जैसी तकनीकें शामिल हो सकती हैं।
UPSC हर साल CSE यानी सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन समेत 14 परीक्षाएं आयोजित करता है। इसके अलावा सरकार के शीर्ष पदों के लिए रिक्रूटमेंट टेस्ट और इंटरव्यू भी UPSC का हिस्सा हैं।
ये सुरक्षा व्यवस्थाएं बन सकती हैं UPSC का हिस्सा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, UPSC आधार आधारित फिंगरप्रिंट पर भी विचार कर रहा है। इसके अलावा AI के इस्तेमाल वाले CCTV, ई-एडमिट कार्ड्स की स्कैनिंग की QR कोड स्कैनिंग भी शामिल हैं। आयोग परीक्षा में उम्मीदवार के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को बैठने जैसी धोखाधड़ी से बचने के लिए भी यह कदम उठा सता है।
फिलहाल, UPSC ने इन सेवाओं के लिए बोलियां बुलाई हैं। खबर है कि टेंडर के दस्तावेजों में साफ किया गया है कि इस तरह की सेवाएं देने वाली कंपनियों को परीक्षा के दो से तीन सप्ताह पहले ही शेड्यूल, परीक्षा केंद्रों और कितने उम्मीदवार शामिल हो रहे हैं, जैसी जानकारियां दे दी जाएंगी। खास बात है कि यह सब ऐसे समय पर हो रहा है, जब महाराष्ट्र कैडर की IAS पूजा खेडकर का मामला चर्चा में है।
क्या है पूजा खेडकर केस
पूजा खेडकर पर नॉन क्रीमी लेयर और ओबीसी वर्ग के फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने के आरोप हैं। इसके अलावा पुणे कलेक्टर की तरफ से खेडकर के बर्ताव को लेकर भी शिकायत की गई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ जांच बैठ गई थी। फिलहाल, उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई है। साथ ही दोबारा अकादमी यानी मसूरी स्थित LBSNAA आने के लिए कहा गया था।
खबरें हैं कि मंगलवार को उन्हें अकादमी में रिपोर्ट करने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं पहुंचीं। इसके अलावा UPSC ने भी उनके खिलाफ FIR दर्ज करा दी है और दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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