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यूक्रेन और रूस के बीच जंग शुरू हुए दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। हालांकि इस जंग के खत्म होने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच यूक्रेनी संसद ने इस साल से आम जनता, कंपनियों और बैंकों पर टैक्स बढ़ाने के लिए एक कानून को मंजूरी दे दी है। जानकारों के मुताबिक यूक्रेन ने यह कदम सैन्य और रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए उठाया है। यूक्रेन सरकार की तरफ से सांसद यारोस्लाव जेलेज़्न्याक ने टेलीग्राम पर बताया कि गुरुवार को सांसदों ने इस टैक्स विधेयक का समर्थन किया है।
सांसद ने बताया कि लगभग 247 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया। इससे पहले जेलेंसकी की सरकार ने 2024 के बजट पर कानून में संशोधन करके जुलाई में सैन्य खर्च में 500 बिलियन रिव्निया ($12 बिलियन) की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। विशेषज्ञों के मुताबिक टैक्स बढ़ाने के बावजूद रक्षा बजट को पूरा करने में दिक्कत आ सकती है। पिछले महीने स्वीकृत इस विधेयक में टैक्स को इस साल 58 बिलियन रिव्निया और 2025 में 137 बिलियन रिव्निया की बढ़ोतरी की बात की गई थी।
गौरतलब है कि रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन के शहरों पर हमला शुरू किया था। रूसी सैनिक तेज़ी से आगे बढ़े और कुछ ही हफ़्तों में यूक्रेन के बड़े इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया और कीव तक पहुंच गए थे। हालांकि उन्हें लगभग हर जगह मज़बूत यूक्रेनी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। अक्टूबर 2022 तक तस्वीर नाटकीय रूप से बदल गई थी और कीव पर कब्ज़ा करने में विफल होने के बाद, रूस उत्तर से पूरी तरह से पीछे हट गया। अगले महीने यूक्रेनी सेना ने दक्षिणी शहर खेरसॉन पर फिर से कब्ज़ा कर लिया। तब से लड़ाई मुख्यतः यूक्रेन के पूर्वी भाग में हो रही है जहां रूसी सेना धीरे-धीरे अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। जंग शुरू होने के बाद से कम से कम 50,000 रूसी सैनिकों की मौत हो चुकी है। वहीं दोनों देशों के लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
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