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जयपुर हवाई अड्डे से उड़ान भरना और यहां उतरना महंगा होने वाला है, क्योंकि AERA (भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण) ने इस एयरपोर्ट के इस्तेमाल के लिए UDF (उपयोगकर्ता विकास शुल्क) को दोगुने से ज्यादा बढ़ा दिया है। अब जयपुर से उड़ान भरने पर प्रति यात्री 805 रुपए शुल्क वसूला जाएगा, जबकि यहां उतरने वाले लोगों को 345 रुपए देने होंगे। सबसे खास बात यह है कि अब से इस शुल्क में बढ़ोतरी हर साल होगी। एयरपोर्ट से जुड़े शुल्कों को विनियमित करने वाली संस्था AERA ने शुक्रवार को अगले तीन साल के लिए संशोधित टैरिफ की लिस्ट जारी की।
यह शुल्क वृद्धि जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (JIAL) के 6,000 करोड़ रुपए के विकास प्रस्तावों के आधार पर की गई है। फिलहाल यहां से घरेलू उड़ान भरने वाले यात्रियों से 394 रुपए UDF फीस ली जा रही थी, जो कि 1 अगस्त से बढ़कर 805 रुपए हो जाएगी। जबकि यहां उतरने वाले घरेलू यात्रियों से अबतक कोई शुल्क नहीं वसूला जाता था, लेकिन अब उनसे 345 रुपए प्रति यात्री शुल्क लिया जाएगा।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए UDF को कम किया गया है। 31 मार्च, 2025 तक के लिए इस शुल्क को वर्तमान दर 1,237 रुपए प्रति यात्री से घटाकर 980 रुपए प्रति यात्री कर दिया गया है। घरेलू आगमन की तरह ही अंतरराष्ट्रीय आगमन पर भी UDF लगाया गया है, जो चालू वित्त वर्ष के लिए 420 रुपये प्रति यात्री होगा।
बता दें कि यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से JIAL द्वारा अगले कुछ वर्षों में किए जाने वाले बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए AERA ने यह शुल्क वृद्धि की है। AERA ने शुक्रवार को जयपुर एयरपोर्ट पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 2024-25, 2025-26 और 2026-27 के लिए UDF को संशोधित करने का आदेश जारी किया।
खास बात यह है कि इस UDF शुल्क में हर साल वृद्धि होती रहेगी। AERA के आदेश के अनुसार घरेलू यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए UDF की राशि 1 अगस्त 2024 से 31 मार्च 2025 तक 805 रुपए होगी। इसके बाद साल 2025-26 में प्रति यात्री 875 रुपए और 2026-27 में 980 रुपए रहेगा। वहीं, अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए प्रति यात्री UDF इस साल 1 अगस्त से 31 मार्च 2025 तक 980 रुपए होगा और 2025-26 में यह 1,260 रुपए और 2026-27 में 1,400 रुपए होगा।
JIAL के एक अधिकारी के अनुसार, देश भर के सभी हवाई अड्डों पर हर पांच साल में टैरिफ में संशोधन होता है, लेकिन जयपुर के मामले में दो साल की देरी कोविड-19 महामारी के कारण हुई। अधिकारी ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया कि यह संशोधन विकास योजनाओं के आधार पर होता है, जिसमें भारी लागत शामिल होती है।
बता दें कि JIAL, अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है। जिसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने अक्टूबर 2021 में 50 वर्षों के लिए जयपुर हवाई अड्डे का संचालन सौंपा है।
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