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पड़ोसी राज्य झारखंड में इसी माह की 13 और 20 तारीख को होने जा रहे मतदान का असर जशपुर जिले में भी देखने को मिल रही है। मतदान के लिए झारखंड में स्थानीय प्रशासन ने वाहनों का अधिग्रहण शुरू कर दिया है। इससे छत्तीसगढ़ से झारखंड जाने वाली और वहां से आने वाले वाहनों की संख्या प्रभावित हुई है। वाहनों के अधिग्रहण में यात्री बसों के साथ मालवाहक वाहन भी शमिल है। इससे यात्रियों को आवाजाही में तो परेशानी हो ही रही है साथ ही जशपुर और इसके आसपास के बाजार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर भी असर देखने को मिल रहा है।
खासकर हरी सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। स्थानीय सब्जी विक्रेता संदीप महतों ने बताया कि जशपुर, मनोरा, सन्ना, कुनकुरी में सब्जियों की आपूर्ति झारखंड के लोहरदग्गा जिले के कुडु मंडी से होता है। इन दिनों झारखंड में वाहनों के अधिग्रहण से पिकअप और ट्रक की कमी हो गई है। इससे कुडु से सब्जियों की आवक की मात्रा आधे से भी कम रह गई है। वहीं जशपुर के पिकअप संचालक भी झारखंड जाने से कतरा रहे है। उनका कहना है कि झारखंड में प्रशासन वाहन अधिग्रहण का नोटिस चस्पा कर देती है। इससे उनका वाहन चुनावी कार्य में तो फंसता ही है साथ ही वाहन चालक को भी वाहन के साथ रहना पड़ता है।
स्थानीय आवक भी कमजोर
सब्जियों विक्रेताओं के अनुसार अभी सब्जियों की स्थानीय आवक काफी कमजोर है। इसका प्रमुख कारण जशपुर, सन्ना, मनोरा, दुलदुला जैसे जिले के सब्जी उत्पादक किसान धान के अलावा टमाटर, मिर्ची, बैगन जैसे फसलों में सिमट कर रह गए हैं। इनके अलावा जिले में सब्जियों की फसल काफी कम है। यही कारण है कि टमाटर की आवक अच्छी होने से इसका भाव 80 से गिरकर 30 रुपये प्रति किलो में सिमट गई है। वहीं फूल गोभी 100 से 120 रुपये, बैंगन 60रुपये, भिंडी 60 रूपये किलो दैनिक और साप्ताहिक बाजार में बिक रही है। आसमान छूते सब्जियों के भाव से लोगों का घरेलू बजट गड़बड़ा रहा है। सब्जियों विक्रेताओं का कहना है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में स्थानीय आवक बढ़ने और झारखंड में मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही सब्जियों की कीमत से राहत मिल सकती है।
शहर में सब्जी के भाव
टमाटर – 30-40
बैगन – 60
करेला – 60
भिंडीं – 60-80
फूलगोभी – 100 से 120
पत्ता गोभी – 60
आलू – 30-40
प्याज – 60
परवल – 60-80
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