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दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को एक ऐप-आधारित घोटाले की जांच में शामिल होने के लिए 9 अक्टूबर को समन किया है। यह मामला ‘HIBOX’ मोबाइल ऐप से जुड़ा है, जिसने निवेशकों को लगभग 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का शिकार बनाया। पुलिस ने रिया को द्वारका स्थित साइबर सेल कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। यह ऐप यूजर्स को उनके निवेश पर निश्चित रिटर्न का वादा करता था, लेकिन असल में यह अवैध गतिविधियों का मुखौटा बन गया।
इस महीने की शुरुआत में, पुलिस ने बताया कि इस ऐप के खिलाफ 500 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें इस ऐप में निवेश करने के लिए सोशल मीडिया पर मशहूर हस्तियों द्वारा प्रमोट किया गया था। इस घोटाले का शिकार लगभग 30,000 लोग हुए, जिन्हें ‘मिस्ट्री बॉक्स’ शॉपिंग और निवेश योजनाओं से त्वरित मुनाफा कमाने का वादा किया गया था। IFSO यूनिट ने इस ऐप के माध्यम से चल रहे एक बड़े संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो लोगों को गारंटी से रिटर्न का वादा कर ठग रहा था। इस धोखाधड़ी को कई बड़े सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स ने प्रमोट किया था।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कई पीड़ितों को इस ऐप से परिचित कराया गया था जब बड़े यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स ने इसे अपने लाखों फॉलोअर्स के सामने प्रमोट किया। इस घोटाले में जांच के घेरे में आए अन्य इन्फ्लुएंसर्स में यूट्यूबर्स अभिषेक मल्हान, एल्विश यादव, लक्षय चौधरी, पुरव झा और कॉमेडियन भारती सिंह शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ‘इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस’ (आईएफएसओ) इकाई (विशेष प्रकोष्ठ) ने जांच में शामिल होने के लिए अभिषेक मल्हान, एल्विश यादव, लक्ष्य चौधरी और पूरव झा को नोटिस भी जारी किया था। कुल नौ इन्फ्लुएंसर्स ने इस ऐप को प्रमोट किया था। कई पीड़ितों को इन मशहूर हस्तियों द्वारा प्रचारित कंटेंट देखने के बाद इस प्लेटफॉर्म पर विश्वास हो गया, जिससे वे धोखाधड़ी के जाल में फंस गए।
ऐप को फरवरी 2024 में पेश किया गया था। ऐप के जरिये 30,000 से अधिक लोगों ने निवेश किया। पुलिस ने बताया कि घोटाले के मुख्य आरोपी शिवराम (30) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वह चेन्नई का रहने वाला है। पुलिस में दायर शिकायत के अनुसार, सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत सहित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और यूट्यूबर ने उक्त ऐप को बढ़ावा दिया और लोगों को इसके जरिए निवेश करने का प्रलोभन दिया। डीसीपी ने कहा, ‘‘हायबॉक्स एक मोबाइल ऐप है जो एक सुनियोजित घोटाले का हिस्सा था।’’ पुलिस ने एक बयान में यह भी कहा है कि वह दो भुगतान फ्लेटफॉर्म–ईजबज और फोनपे की भूमिकाओं की भी जांच कर रही है।
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