निवेशकों के लिए जरूरी खबर, NSE-BSE ने ट्रांजैक्शन चार्जेज को किया रिवाइज

निवेशकों के लिए जरूरी खबर, NSE-BSE ने ट्रांजैक्शन चार्जेज को किया रिवाइज

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शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज- बीएसई और एनएसई ने शुक्रवार को कैश और फ्यूचर एंड ऑप्शन डील के लिए अपने ट्रांजैक्शन चार्जेज में संशोधन किए हैं। शेयर बाजारों ने अलग-अलग सर्कुलर में कहा कि संशोधित दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा शेयर बाजार समेत बाजार अवसंरचना से जुड़े संस्थानों के सभी सदस्यों के लिए एक समान शुल्क संरचना अनिवार्य करने के बाद यह कदम उठाया गया।

3,250 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम

बीएसई ने इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन में सेंसेक्स और बैंकेक्स विकल्प अनुबंधों के लिए लेनदेन शुल्क को संशोधित कर 3,250 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम कारोबार कर दिया है। हालांकि, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन कैटेगरी में अन्य अनुबंधों के लिए लेनदेन शुल्क अपरिवर्तित रहेगा। सेबी ने जुलाई में बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) के शुल्कों के बारे में एक परिपत्र जारी किया था। इसमें कहा गया है कि एमआईआई के पास सभी सदस्यों के लिए एक समान शुल्क संरचना होनी चाहिए, जो मौजूदा कारोबार की मात्रा आधारित प्रणाली की जगह लेगी।

ऋण प्रतिभूतियों के लिए सूचीबद्धता समय घटा

बता दें कि हाल ही में सेबी ने ऋण प्रतिभूतियों के सार्वजनिक निर्गम की सूचीबद्धता के लिए समयसीमा छह कार्य दिवस से घटाकर तीन कार्य दिवस करने का निर्णय किया। इस पहल का मकसद कोष तक पहुंच में तेजी लाना है। नयी समयसीमा पहले साल के लिए वैकल्पिक होगी और उसके बाद अनिवार्य होगी। 

सेबी ने कहा-ऋण प्रतिभूतियों और गैर-परिवर्तनीय विमोच्य तरजीही शेयर (एनसीआरपीएस) के सार्वजनिक निर्गम के मामले में सूचीबद्धता समय को सौदे वाले दिन जमा तीन कार्य दिवस (टी प्लस तीन) कर दिया है जो फिलहाल सौदे वाला दिन जमा छह दिन (टी प्लस छह) है। इस कदम से ऋण प्रतिभूति जारी करने वालों की कोष तक तेजी से पहुंच हो सकेगी।

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