पिछले 6 साल में कितने दलित बने हाईकोर्ट के जज? सरकार ने दे दिया पूरा आंकड़ा

पिछले 6 साल में कितने दलित बने हाईकोर्ट के जज? सरकार ने दे दिया पूरा आंकड़ा

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सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में हाईकोर्ट के जजों को लेकर एक खास आंकड़ा दिया है। केंद्र सरकार ने बताया कि 2018 से अब तक उच्च न्यायालय में नियुक्त 661 न्यायाधीशों में से 21 न्यायाधीश अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के और 12 न्यायाधीश अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के हैं। विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उच्च सदन को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन, पेंशन और भत्ते पिछली बार एक जनवरी 2016 से संशोधित किए गए थे और इस समय उनके वेतन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

उन्होंने कहा कि साल 2018 से इस साल 22 जुलाई तक उच्च न्यायालय में नियुक्त 661 न्यायाधीशों में से 21 एससी, 12 एसटी श्रेणी, 78 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी और 499 सामान्य श्रेणी से हैं। मेघवाल ने कहा कि संविधान के जिन प्रावधानों के तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है, उनमें किसी जाति या वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, 2018 के बाद से उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के पद के लिए सिफारिश करने वालों को उच्चतम न्यायालय के परामर्श से तैयार किए गए निर्धारित प्रारूप में उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि के बारे में विवरण प्रदान करना आवश्यक है।’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि मई 2014 से उच्चतम न्यायालय में 62 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई।

मेघवाल ने कहा कि उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 2014 में 906 थी जो अब बढ़कर 1,114 हो गई है। उन्होंने कहा कि 2014 से उच्च न्यायालयों में कुल 976 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि जिला न्यायपालिका में न्यायिक अधिकारियों की स्वीकृत संख्या 2014 में 19,518 थी जो अब बढ़कर 25,523 हो गई है।

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