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बागेश्वर धाम के आसपास रेस्टोरेंट एवं मिठाई की दुकानों पर खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने रविवार को छापा मारा, जिससे दुकानदारों में अफरातफरी देखी गई। टीम ने प्रसाद की लगभग 10 दुकानों और 2 होटलों से नमूने लिए। यही नहीं दुकानों से मिल्क केक और मगज के लड्डुओं का 20 किलो बूरा नष्ट कराया। भक्तों को कहीं दूषित प्रसाद तो नहीं बेचा जा रहा? इस संदेह को दूर करने के लिए टीम की ओर से कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि छतरपुर के कलेक्टर पार्थ जायसवाल के आदेश पर खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम गठित की गई थी। टीम ने धाम में चल रहे कई रेस्टोरेंट एवं मिठाई की दुकानों से सैंपल लिए। इन सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है। दुकानदार प्रसाद में मिलावट तो नहीं कर रहे हैं, इसके शंका समाधान के लिए टीम की ओर से यह कार्रवाई की गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने रेस्टोरेंट एवं मिठाई की दुकान चलाने वाले संचालकों को कुछ निर्देश भी दिए हैं। इन निर्देशों में कहा गया कि धाम में ताज सामग्री का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि लोगों की आस्था और धाम की पवित्रता बनी रहे। दुकानदारों को साफ निर्देश हैं कि लंबे समय तक किसी भी खाद्य सामग्री का भंडारण ना करें।
खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने दुकान संचालकों को निर्देश दिया कि खुले में किसी भी प्रकार की कोई खाद्य सामग्री ना रखें। खाद्य पदार्थ में भी किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होनी चाहिए। यदि कोई दुकानदार ऐसा करता पाया जाता है तो खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम कठोर कार्रवाई करने को विवश होगी। बताया जाता है कि ये दुकाने धाम के समीप मौजूद हैं। यह घटना ऐसे वक्त में सामने आई है जब तिरुपति प्रसाद का मुद्दा गर्म है।
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