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शहर में एक साथ चार आरओबी को बनाने का काम शुरू हुआ था। तीन का काम पूरा होकर ट्रैफिक भी चालू हो गया है। लेकिन विवेकानंद नीडम आरओबी सात साल बाद भी अधूरा है। पहले यह काम रेलवे अधूरा था ओर अब पीडब्ल्यूडी के अधूरे होमवर्क की वजह से अधूरा है।
शहर में 2017 में चार आरओबी के निर्माण के लिए एक साथ भूमिपूजन हुआ। तीन बन गए, ट्रैफिक चालू हुए भी एक साल गुजर गया, जबकि नाका चंद्रवदनी से कलेक्ट्रेट को जोड़ने वाला विवेकानंद आरओबी आठ साल बाद भी अधूरा पड़ा है। पहले तो रेलवे के चक्कर में काम अटका रहा, अब काम पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग के अफसरों के अधूरे होमवर्क के कारण अटका हुआ है। सर्विस रोड निर्माण के लिए जब विभाग ने काम शुरू किया तो बिल्डरों ने विरोध कर काम रुकवा दिया।
जब भूअर्जन का प्रस्ताव तैयार हुआ तो बिल्डरों ने मोटे मुआवजे के चक्कर में लैंडयूज बदलवा दिया। नतीजा जिस जमीन के लिए विभाग को पहले केवल डेढ़ करोड़ रुपये मुआवजा देना था, उसके लिए अब करीब 6.50 करोड़ रुपये देना पड़ेगा। हालांकि अब पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग ने भूअर्जन का इरादा ही बदल दिया है। अब विभाग किसी को मुआवजा नहीं देगा, बल्कि पहले जो सर्विस रोड 5.5 मीटर की बनना थी, अब उसे तीन मीटर की बनाया जाएगा।
2017 में इन आरओबी का हुआ था भूमिपूजन
- मल्लगढ़ा आरओबी:- इसका काम मंगलम विल्डकान को दिया गया था, काम पूरा हो चुका है, ट्रैफिक चालू है।
- यादव धर्मकांटा:-एजेंसी वनखंडेश्वर फर्म को काम दिया। ट्रैफिक चालू हो चुका है।
- तानसेन रोड आरओबी:-काम अनुपम कंस्ट्रक्शन कंपनी नोयडा को मिला, ट्रैफिक गुजरना चालू है।
- विवेकानंद आरओबी:-अनुपम कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम मिला, अब तक पूरा नहीं हुआ।
बिना होमवर्क ये परेशानी आई
रेलवे:-रेलवे ने पहले 60 मीटर, फिर 45 मीटर और अंत में 37 मीटर आरओबी का हिस्सा बनाने की बात कही। जिसके कारण पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग ने तीन बार अपनी डिजाइन बदली। 30 जून 2023 को गर्डर लांच फेल हो गया। अभी करीब छह माह पहले ही रेलवे काम पूरा किया है।
सीवर लाइन:-रेलवे का काम पूरा होने के बाद जब पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग ने काम शुरू किया तो जहां पिलर खड़ा होना था, वहां नीचे सीवर लाइन निकल आई। डेढ़ माह काम अटका रहा, निगम को करीब पांच लाख का भुगतान कर सीवर लाइन शिफ्ट कराने पर काम शुरू हुआ।
भूअर्जन:-जब विभाग ने सर्विस रोड बनाने का काम शुरू किया तो बिल्डरों ने मुआवजे की मांग रख दी। विभाग ने कृषि भूमि होने से करीब डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया। इसी बीच जमीन का लैंडयूज बदलकर रिहाइशी करा लिया गया, जिससे मुआवजा राशि बढ़कर तीन करोड़ हो गई। इसके बाद बिल्डरों ने लैंडयूज बदलकर कमर्शियल कर दिया, जिससे अब मुआवजे की राशि बढ़कर करीब साढ़े छह करोड़ हो गई।
अब क्या
विवेकानंद आरओबी के निर्माण में भूअर्जन के लिए बजट का प्रावधान नहीं है। पहले पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग मुआवजा देने का मन बना रहा था, लेकिन अब बिल्डरों की हरकत देखने के बाद विभाग ने भूअर्जन नहीं करने का निर्णय लिया है। अब विभाग को यहां सर्विस रोड के लिए तीन मीटर जगह मिल रही है, इसलिए इतनी चौड़ी ही रोड बनाई जाएगी। सूत्रों की माने तो जरूरत पड़ने पर कलेक्ट्रेट की तरफ के हिस्से में पुल की चौड़ाई को भी कम किया जा सकता है, हालांकि अभी इसको लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। विभागीय अफसरों का दावा है कि 15 दिसंबर तक आरओबी को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। वर्तमान में दो स्लैब, दो पिलर तैयार हो चुके हैं। एक स्लैब का काम जारी है, एक का काम होना है।
बार-बार मिली तो केवल तारीख
विवेकानंद आरओबी कब चालू होगा, इसके जवाब में अब तक केवल तारीख पर तारीख ही मिलती रही है। पहले मार्च 2023, फिर मई 2023, सितंबर 2023, नवंबर 2023 आैर अब 15 दिसंबर 2024।
फैक्ट फाइल
-38 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति।
-2017 में भूमिपूजन हुआ।
-2019 में काम पूरा होना था।
-925 मीटर लंबाई, 18 मीटर चौड़ाई।
-37 मीटर हिस्से का निर्माण रेलवे ने किया।
हम भूअर्जन के लिए मुआवजा नहीं देंगे। जिस जमीन का मुआवजा मांगा जा रहा है, वह पहले ही जनभागीदारी से सड़क निर्माण के लिए दे दी गई थी। 30 मीटर जगह दी थी, अब बिल्डर 18 मीटर भी बिना मुआवजा देने तैयार नहीं है। हमें तीन मीटर जगह मिल रही है, इसलिए अब इतनी ही सर्विस रोड बनाई जाएगी। सीवर लाइन की समस्या को दूर कर दिया गया है। होमवर्क नहीं करने जैसी कोई बात नहीं।
-जोगेंद्र यादव, ईई पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग।
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