भारत को ISIS और अलकायदा जैसे संगठनों से खतरा, FATF ने जारी की चेतावनी; तारीफ के साथ चेताया भी

भारत को ISIS और अलकायदा जैसे संगठनों से खतरा, FATF ने जारी की चेतावनी; तारीफ के साथ चेताया भी


फाइनेंसियल टॉस्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट जारी कर भारत को तमाम आंतकी संगठनों को लेकर चेताया है। अपनी रिपोर्ट जारी कर एफएटीएफ ने कहा कि भारत को लगातार विभिन्न आतंकी खतरों का समाना करना पड़ता है। जम्मू-कश्मीर में और उसके आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय आईएसआईएल या अलकायदा से जुड़े चरमपंथी संगठन लगातार भारत पर हमले के प्रयास में लगे रहते हैं। इसके अलावा भारत के पूर्वोत्तर और उत्तर के क्षेत्रीय विद्रोही और अन्य भारत विरोधी संगठन लगातार सरकार कि खिलाफ साजिश करते हैं। भारत ने इन सबसे निपटने के लिए एफएटीएफ द्वारा दिए गए 40 पैरामीटर्स को अपना लिया है। अपनी आतंक के खिलाफ इस मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए भारत को इन सभी पैरामीटर्स को तीन क्षेत्रों (गैर-लाभकारी संगठन, राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्ति, और नामित गैर-वित्तीय व्यवसाय) में और तेजी के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है।

आतंक के खिलाफ काम के लिए भारत की सराहना

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने आतंकरोधी गतिविधियों में भारत के काम की तारीफ की है। एफएटीएफ ने कहा कि भारत ने हमारी सिफारिशों का सही ढंग से पालन किया है और आतंक के वित्तपोषण को रोकने के लिए कई हाई-लेवल उपायों का विकास किया है। अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा कि भारत लगातार आतंक के खतरों का सामना कर रहा लेकिन भारत ने इनके वित्त पोषण को रोकने का काम किया है। आपको बता दें कि यही फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स लगातार पाकिस्तान जैसे देशों  को उनकी आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों के लिए ग्रे लिस्ट में डाले रखती है, जिससे उनको आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक से कर्जा लेने में परेशानी आती है।

भारत ने काम किया लेकिन अभी सुधार की जरूरत-FATF

एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है लेकिन साथ में ही यह एक निम्न आय वाला देश भी है, जिसके कारण यहां पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे खतरे बहुत ज्यादा है। हालांकि भारत धोखाधड़ी और जालसाजी संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों का उचित रूप से सामना कर रहा है। लेकिन कुछ और सुधार करने की जरूरत भी है। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा की भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में संवैधानिक सीमाएं समाने आती है भारत के कोर्ट्स में मामला सालों-साल तक चलते हैं।

एजेंसी ने कहा की ईडी ने पिछले पांच सालों में करीब दस बिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त की है, लेकिन कोर्ट से केस के हल होने और सजा मिलने के बाद यह राशि 5 मिलियन डॉलर से भी कम है। यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि भारत इन मुद्दों का ख्याल रखे क्योंकि इससे आतंक के वित्तपोषण के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर होती है।

एफटीएफ ने भारत के आतंक वित्तपोषण विरोधी प्रयासों की समीक्षा और पिछले नवंबर में भारत के दौरे के बाद, भारत को रेग्यूलर फॉलोअप श्रेणी में रखा है। इस श्रेणी में भारत के अलावा केवल तीन देश (यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और इटली) और हैं।

क्या है FATF

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स दुनिया भर में आंतकवादी वित्तपोषण पर निगरानी करने वाली संस्था है, इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। इसका गठन 1989 में किया गया था। यह वित्तीय अपराधों को रोकने वाली एक मानक संस्था है। इसमें विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ और कई संस्थाओं को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा यह अपने सदस्य देशों और सभी देशों को अपने अपने नियमों का पालन कराता है। इसके 36 देश और दो संगठन सदस्य हैं। 9 सहयोगी सदस्य समूहों के माध्यम से अधिकांश देश इसका हिस्सा हैं।