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अमेरिका का मानना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी वार्ता से ही दोनों देशों के संबंध ठीक हो सकते हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कहा है कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करते हैं, लेकिन गति, दायरा और चरित्र उन दोनों देशों द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए, न कि हमारे द्वारा।”
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मिलर ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए अमेरिका और पाकिस्तान दोनों का एक साझा लक्ष्य है। मिलर ने कहा, “हम अपने उच्च-स्तरीय आतंकवाद विरोधी संवाद के माध्यम से पाकिस्तान के साथ बात करते हैं। इसमें आतंकवाद विरोधी क्षमता का निर्माण भी संभव है। हम अमेरिका-पाकिस्तान के सैनिकों के बीच जुड़ाव का भी समर्थन करते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद के मुद्दों पर अपनी साझेदारी के तहत पाकिस्तानी नेताओं के साथ नियमित रूप से संवाद कर रहे हैं और हम अपने वार्षिक आतंकवाद विरोधी संवाद और अन्य द्विपक्षीय परामर्शों के माध्यम से क्षेत्रीय सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा करना जारी रखेंगे।”
इससे पहले अप्रैल में मिलर ने कहा था कि अमेरिका दोनों पड़ोसी देशों से तनाव को बढ़ाने से बचने और बातचीत के माध्यम से अपने मुद्दों को सुलझाने का आग्रह करेगा, लेकिन दोनों के बीच में नहीं आएगा।
उनसे जब उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया कि भारतीय सरकारी एजेंटों ने कथित तौर पर पाकिस्तान में आतंकवादियों की हत्याएं की हैं तो मिलर ने कहा, “हम इस मुद्दे के बारे में मीडिया रिपोर्टों को ध्यान से देख रहे रहे हैं। इन आरोपों पर हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।”
आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द करने, जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए। पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों को कम करके और भारतीय दूत को निष्कासित करके कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की था। भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर “भारत का अहम हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा”
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