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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपने चुनावी ऐजेंडे को धार देने में जुटे हैं। उन्होंने मंगलवार को जाति जनगणना को देश का एक्स-रे करार देते हुए कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए कांग्रेस केंद्र सरकार को जाति आधारित जनगणना कराने के लिए मजबूर करेगी। यह कवायद ओबीसी, दलितों और आदिवासियों की स्थिति पर प्रकाश डालेगी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर जातीय जनगणना के मुद्दे पर नहीं बोलने का भी आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में ओबीसी, दलित और आदिवासियों की स्थिति का सच जानने के लिए हम केंद्र सरकार को जातीय जनगणना कराने के लिए मजबूर करेंगे। राजस्थान, और छत्तीसगढ़ में हमारी सरकारों ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू का दी है। वह राज्य विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ब्यौहारी में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा कि देश के आदिवासी, दलित, ओबीसी घायल हैं। जाति जनगणना देश का एक्स-रे है। आइए जांच करें… इससे तस्वीर साफ हो जाएगी। हमने प्रधानमंत्री मोदी को जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने की चुनौती दी है। लेकिन वह इसके बारे में बात करने के बजाय, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और दक्षिण के बारे में बात करते हैं। वह जाति जनगणना पर बात नहीं करते हैं।
राहुल ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक किताब का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात नहीं, वरन मध्य प्रदेश भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रयोगशाला है। लेकिन मध्य प्रदेश मृत व्यक्तियों के इलाज, व्यापमं, बच्चों के मध्याह्न भोजन, आदिवासियों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार जैसे कई घोटालों की प्रयोगशाला है। राहुल गांधी एमपी के शहडोल जिले के ब्यौहारी में कांग्रेस की चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।
राहुल ने कहा कि भाजपा के लिए आदिवासी केवल ‘वनों के वासी’ हैं, जबकि कांग्रेस उन्हें जमीन का मालिक मानते हुए उन्हें उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस आदिवासियों को सदा आदिवासी बोलती है, जबकि भाजपा उनके लिए ‘वनवासी’ शब्द का उपयोग करती है। आदिवासी का अर्थ है, जो हिंदुस्तान में सबसे पहले रहते थे और जो यहां की जमीन के मालिक हैं, जबकि वनवासी का मतलब है, जो केवल वनों में रहते हैं और उनका जमीन पर कोई हक नहीं है।
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