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माओवादियों ने दावा किया है कि 4 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में अबूझमाड़ के जंगल में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में उनके कुल 35 कैडर मारे गए। सीपीआई (माओवादी) के पूर्वी बस्तर डिवीजन द्वारा रविवार को जारी एक पत्र में माओवादियों ने सभी 35 कैडरों के नाम बताए और कहा कि मुठभेड़ में कुछ कैडर घायल भी हुए हैं। इससे पहले 4 अक्टूबर को पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान में 31 माओवादियों को मार गिराया है, इसमें 18 आदमी और 13 औरतें शामिल हैं। पुलिस ने शनिवार को बताया कि मुठभेड़ नारायणपुर और दंतेवाड़ा की सीमा पर हुई।
मुठभेड़ में मारे गए इनामी माओवादी
वरिष्ठ माओवादी नेता नीति उर्फ उर्मिला के सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था, वह दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की सदस्य थी। सीपीआई (माओवादी) की पूर्वी बस्तर प्रभारी भी शुक्रवार की मुठभेड़ में मारी गई। वह राज्य में इस साल मुठभेड़ में मारी गई डीकेएसजेडसी की चौथी सदस्य है। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने एक लाइट मशीन गन (एलएमजी), चार एके-47, छह सेल्फ-लोडिंग राइफलें (एसएलआर), तीन इंसास राइफलें, दो .303 राइफलें और स्थानीय हथियारों सहित कई अन्य कैलिबर राइफलें भी बरामद की हैं।
मुठभेड़, गिरफ्तारी और आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी
इस बीच दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने माओवादियों से अपील की है कि वे आत्मसमर्पण कर दें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। यह मुठभेड़ नक्सल नेतृत्व के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि सुरक्षा बलों ने अबूझमाड़ के जंगलों में संगठन के गढ़ों में काफी अंदर तक हमला किया है। साल 2024 में अब तक बस्तर संभाग में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान कुल 189 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। इसके अलावा 706 को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 733 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
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