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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम में आमंत्रण को ठुकराकर कांग्रेस ने देश के बहुसंख्यकों की भावनाओं को आघात पहुंचाया है। मोहन यादव ने यह भी कहा कि कांग्रेस को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। दरअसल उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में विराजमान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई विपक्षी पार्टियों औऱ हस्तियों को आमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को भी इस कार्यक्रम में आने के लिए न्योता भेजा गया था। लेकिन कांग्रेस के इन तीनों नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए आमंत्रण को ठुकराते हुए इसमें शामिल होने से मना कर दिया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आऱोप लगाया है कि यह भव्य आयोजन भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस का कार्यक्रम है। कांग्रेस के रूख पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मनोज यादव ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। पहले कांग्रेस ने राम मंदिर के निर्माण में अड़चनें पैदा कीं। अब वो लोग प्राण-प्रतिष्ठा का अपमान कर रहे हैं। इससे देश के बहुसंख्यकों की भावनाओ को ठेस पहुंचा है। कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए।’
इधर अयोध्या में मंदिर से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे। यह विशेष आयोजन 16 जनवरी से शुरू होगा। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर वैदिक पूजन 16 जनवरी से शुरू हो रहे हैं।
वाराणसी के पुजारी लक्षमी कांत दीक्षित 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े मुख्य पूजा करेंगे। 14 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक अयोध्या में अमृत महोत्सव चलेगा। अयोध्या को हिंदुओं के भगवान श्री राम का जन्मस्थल माना जाता है और इसका इतिहास ऐतिहासिक औऱ सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है।
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