यूनुस को कमान मिलते ही, बांग्लादेश में एक्टिव हुआ पाकिस्तान; क्या प्लान…

यूनुस को कमान मिलते ही, बांग्लादेश में एक्टिव हुआ पाकिस्तान; क्या प्लान…

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कराची

पाकिस्तान अब बांग्लादेश में एक्टिव होता नजर आ रहा है। खबर है कि ढाका में पाकिस्तान उच्चायोग और अंतरिम सरकार के सदस्यों के बीच बैठकों का दौर जारी है। खास बात है कि बांग्लादेश में हुई हिंसा में पाकिस्तान की भूमिका होने की भी संदिग्ध मानी जा रही थी। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया था। फिलहाल, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में बांग्लादेश में अपने संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया है। कुछ हफ्तों से पाकिस्तान उच्चायोग अंतरिम सरकार के सदस्यों के साथ मीटिंग्स कर रहा है। खबरें हैं कि इस दौरान बाढ़ राहत से लेकर स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम तक को लेकर उच्चायोग के अधिकारियों और नई सरकार के सदस्यों के बीच चर्चाएं हुईं हैं। पाकिस्तान उच्चायोग ने इससे जुड़ी जानकारी भी सोशल मीडिया पर साझा की है।

बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्ते

साल 1971 के युद्ध अपराधों के लिए इस्लामाबाद ने माफी मांगने से इनकार कर दिया था। कहा जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्ते ठंडे पड़े हुए थे। इसके अलावा साल 2018 में हुए संसदीय चुनाव में भी पाकिस्तान उच्चायोग पर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन करने के आरोप लगे थे।

 ही उच्चायोग के अधिकारियों और अंतरिम सरकार के सलाहकारों के बीच बैठक हुई थी। पाकिस्तान उच्चायोग ने एक्स पर लिखा, ‘अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ मोहम्मद शोजिब भुइयां से मिलकर अच्छा लगा। मीडिया, स्पोर्ट्स, युवा और संस्कृति और आईटी के क्षेत्र में सहयोग समेत साझा हितों के मुद्दों पर चर्चा की गई।’ मीटिंग की कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं हैं।
पीएम शहबाज शरीफ ने भी की बात

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से बात की थी। वहीं, कहा जाता है कि हसीना के प्रधानमंत्री रहते दोनों देश के प्रधानमंत्रियों के बीच कम ही मौकों पर बात हुई थी। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश सचिव ने भी बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार से मुलाकात की थी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर से बाढ़ की स्थिति को लेकर पत्र भी पहुंचा था। हसीना सरकार के गिरने के बाद पाकिस्तान उच्चायोग ने बीएनपी नेताओं से मुलाकात की थी।

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