राज्यसभा में घटी भाजपा की ताकत, पर मिलने वाली है गुड न्यूज; कैसे एक साथ मिलेंगी 8 सीटें

राज्यसभा में घटी भाजपा की ताकत, पर मिलने वाली है गुड न्यूज; कैसे एक साथ मिलेंगी 8 सीटें

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राज्यसभा से 4 मनोनीत सदस्य शनिवार को रिटायर हो गए। ये सभी सदस्य भाजपा के कोटे से थे और इनके सदन से विदा होने के साथ ही उसकी संख्या 86 ही रह गई है। एनडीए को मिलाकर देखें तो यह संख्या 101 है। हालांकि भाजपा को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उसकी संख्या में इजाफा होगा। फिलहाल राज्यसभा में 19 सीटें खाली हैं और मौजूदा सदस्यों की संख्या 226 है। 19 सीटों में से 4 सीटें जम्मू-कश्मीर की हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने के बाद ही राज्यसभा के इलेक्शन होंगे। इसके अलावा 4 सीटें नामित सदस्यों की खाली हैं। वहीं 11  राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, जो महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, हरियाणा, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और असम जैसे राज्यों की हैं। 

मौजूदा समीकरणों के अनुसार इन 11 सीटों में से 8 पर एनडीए आसानी से जीत हासिल कर सकता है। इस तरह कुल संख्या 86 तक पहुंच जाएगी। इन 11 में से 10 राज्यसभा सीटें पिछले महीने ही खाली हुई हैं क्योंकि कई सदस्यों ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जीतने के बाद उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। इनमें पीयूष गोयल और भूपेंद्र यादव जैसे नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा एक सीट बीआरएस के राज्यसभा सांसद रहे के. केशव राव के इस्तीफे से खाली हुई है। वह अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस तरह आने वाले महीनों में एनडीए को 8 सीटों पर जीत मिलने के आसार हैं। 

वहीं तीन सीटें विपक्षी INDIA गठबंधन को मिल सकती हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि उसकी संख्या भी तेलंगाना में जीत के चलते 27 तक पहुंच जाएगी। यह आंकड़ा विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए जरूरी 25 से 2 सीट अधिक होगा। गौरतलब है कि एनडीए के पास भले ही अपने दम पर बहुमत नहीं है, लेकिन राज्यसभा में वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, एआईएडीएमके जैसे दलों के समर्थन से वह जरूरी बिल पारित कराती रही है। शनिवार को मनोनीत सांसद राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी का कार्यकाल समाप्त हो गया। इन लोगों ने संसद सदस्य बनने के बाद भाजपा की सदस्यता ले ली थी।

मनोनीत सांसदों में 7 किसी भी दल के नहीं, पर देते हैं भाजपा का साथ

राष्ट्रपति की ओर से कुल 12 सांसदों को मनोनीत किया जा सकता है। इन सांसदों में से 5 भाजपा के मेंबर हो गए थे, जबकि 7 सांसद किसी भी दल के सदस्य नहीं हैं। हालांकि ये सांसद बिल पारित होने के मौके पर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का ही समर्थन करते रहे हैं। भाजपा से जुड़े एक और मनोनीत सदस्य गुलाम अली हैं। वह सितंबर 2028 में रिटायर होने वाले हैं।

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