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भोपाल। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है। मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के उपक्रम हो रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा 23 मार्च को अपने तीन साल के कार्यकाल की सफलता का रिपोर्ट पेश करेगी, वहीं कांग्रेस सरकार की विफलताओं को गिनाएगी। यानी बजट सत्र के दौरान रिपोर्ट कार्ड पर घमासान मचेगा। दोनों पार्टियां अपने-अपने रिपोर्ट कार्ड की तैयारी में जुट गई हैं। गौरतलब है कि चुनावी साल में अभी कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाकर जनता के दर पर दस्तक दे रही है, वहीं भाजपा विकास यात्रा निकाल रही है। इस दौरान विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण करने के साथ ही विकास योजनाओं की सौगात दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वर्तमान कार्यकाल के तीन साल 23 मार्च को पूरे हो रहे हैं। दिवस विशेष पर मुख्यमंत्री सरकार के तीन साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेंगे, जिसमें कोरोना महामारी के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों के साथ अन्य उपलब्धियां बताई जाएंगी। 23 मार्च को जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रखने से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि जितनी भी घोषणा है, उन सबको जी जान से लगाकर पूरा करें। जिले में अफसरों की कोर ग्रुप बनेगी। हर जिले में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, डीएफओ और वक्र्स डिपार्टमेंट अधिकारियों के ग्रुप बनेंगे। योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन को लेकर काम किया जाएगा। वहीं, प्रदेश कांग्रेस भी इसी दिन रिपोर्ट कार्ड जारी कर जनता को बताएगी कि किस तरह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।
23 मार्च को आएगा सरकार का रिपोर्ट कार्ड
शिवराज सरकार 23 मार्च को अपने 3 साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करेगी। सरकार के किए कामकाज को जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड के जरिए रखा जाएगा। कोरोना संकट से निपटने, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और विकास कार्यों की जानकारी दी जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि कोरोना महामारी के समय जब सभी गतिविधियां ठप हो गई थीं, तब दिन- रात काम करके स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया गया। पूंजीगत व्यय बढ़ाया, जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए। स्व- रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने ऋण दिलाया गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, संबल योजना से लेकर अन्य योजनाओं का लाभ दिलाया गया। समर्थन मूल्य पर किसानों से उपज खरीदी। फसल बीमा की राशि दिलाई गई। अधोसंरचना विकास के कामों को प्राथमिकता दी। माफिया के विरुद्ध अभियान चलाया, जिसमें 23 हजार एकड़ भूमि मुक्त कराई। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। ऐसी अन्य उपलब्धियां रखी जाएंगी।
कांग्रेस बताएगी सरकार की विफलताएं
चुनावी साल में भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस कोई भी मौका चुकना नहीं चाहती है। इसलिए 23 मार्च को जब भाजपा सरकार अपने 3 साल की उपलब्धियां गिनाएगी, वहीं प्रदेश कांग्रेस ने तय किया है कि वह भी सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी। इसमें महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था सहित अन्य मोर्चों पर सरकार के विफल रहने की जानकारी दी जाएगी। पार्टी की ओर से आरोप पत्र भी जारी होगा। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस से लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमत कई गुना बढ़ गई है। बिजली की दर कई बार बढ़ाई जा चुकी है। बेरोजगारी चरम पर है। 24 लाख से ज्यादा बेरोजगारों के नाम पंजीयन कार्यालयों में दर्ज हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला और बच्चों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दे हैं, जिन्हें जनता के बीच अलग-अलग माध्यमों से ले जाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड राज्य, जिला और विधानसभा स्तर पर जारी होगा।
अभी से वार-पलटवार
प्रदेश सरकार ने जैसे ही 23 मार्च को रिपोर्ट कार्ड पेश करने का ऐलान किया है भाजपा और कांग्रेस में वार-पलटवार शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने रिपोर्ट कार्ड को चुनावी कार्ड बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपना रिपोर्ट कार्ड आरटीओ दफ्तर में जहां बैठते हैं, वहीं पर रखें। 8-9 महीने ही बाकी है। इनकी रिपोर्ट कार्ड का फैसला नवंबर 2023 में मप्र की जनता करेगी। वो फैसला क्या होगा वो जनता मन बना चुकी है। यही कारण है जल बिन मछली की तरह पूरी सरकार तड़प रही है। इनका रिपोर्ट का जन अदालत में आएगा। भ्रष्टाचार की बुनियाद पर पूरी सरकार टिकी हुई है। नौकरशाह, माफिया और नेताओं का गठबंधन इस प्रदेश के लिए बना। उसे अपराधिक चेहरे को कैसे बचाया जाए। इसीलिए ये रिपोर्ट कार्ड आ रहा है। शिवराज सरकार के रिपोर्ट कार्ड और कांग्रेस के हमले को लेकर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि कम से कम हमने काम किया है। इसलिए रिपोर्ट कार्ड रख रहे हैं। 5 फरवरी से हमारी विकास यात्रा चल रही है। वो भी एक प्रकार का रिपोर्ट कार्ड है। अगर वो रखेंगे, तो उसमें सबके सामने सच होगा। इसमें क्या संदेह है 2003 के मप्र को और 2023 के मप्र को देखें। अगर भाजपा की सरकार नहीं होती तो कैसे विकसित स्वरूप मप्र का होता। जिसने बहुत सारे काम किए हो वही रिपोर्ट कार्ड रख सकता है। जनता इसका चुनाव में फैसला करेगी।
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