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तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाले मामले से देशभर में लोग सकते में हैं। लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर उपजे विवाद के बीच तिरुमला तिरुपति देवास्थानम (टीटीडी) ने भक्तों को आश्वस्त किया है कि पवित्र प्रसाद की पवित्रता बहाल कर दी गई है। शुक्रवार रात को सोशल मीडिया पर अपडेट में तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की देखरेख करने वाले टीटीडी ने पुष्टि की कि श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और पवित्रता अब पूरी तरह से बरकरार है।
मंदिर बोर्ड ने पोस्ट में कहा, “श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और पवित्रता अब बेदाग है। टीटीडी सभी भक्तों की संतुष्टि के लिए लड्डू प्रसादम की पवित्रता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।” देश के सबसे धनी मंदिर की देखरेख करने वाले मंदिर प्राधिकरण ने बताया कि उसने गुणवत्ता के लिए परीक्षण किए गए नमूनों में घटिया घी और चरबी के अंश पाए हैं, जो बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा किए गए पहले के दावों की पुष्टि करता है।
बता दें कि आरोप पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर लगे हैं, जिसके बाद पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इस मुद्दे को भटकाव की राजनीति बताकर खारिज कर दिया और इसे मनगढ़ंत कहानी करार दिया। केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है और इसकी समीक्षा के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आरोपों की गहन जांच का आह्वान किया है। शुक्रवार को टीटीडी द्वारा उद्धृत एक लैब रिपोर्ट के अनुसार, घी में ‘लार्ड’ (सूअर की चर्बी) और अन्य अशुद्धियां पाई गईं। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने पुष्टि की कि लैब परीक्षणों में चयनित नमूनों में पशु वसा और लार्ड की उपस्थिति का पता चला है, और बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में है।
इस बीच, तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले खराब गुणवत्ता के घी के अमूल ब्रांड का होने संबंधी गलत सूचना फैलाने के आरोप में सोशल मीडिया मंच एक्स के सात उपयोगकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के इस दावे के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है कि राज्य में पिछली सरकार के दौरान तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। आणंद स्थित गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति किए जाने से इनकार किया है। जीसीएमएमएफ ‘अमूल’ ब्रांड नाम के तहत अपने दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करता है।
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