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शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है। उनका कहना है कि भाजपा लालबागचा राजा को भी गुजरात ले जा सकती है। उन्होंने बीजेपी पर शिवसेना और एनसीपी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तोड़ने के भी आरोप लगाए। खास बात है कि महाराष्ट्र में साल के अंत तक विधानसभा चुनावों का ऐलान हो सकता है। शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव का ऐलान करने की चुनौती दी है।
राउत ने कहा, ‘वे (भाजपा) सब कर सकते हैं। लालबाग के राजा का बड़ा नाम है, लोग पूरे देश से आते हैं। वो कह सकते हैं, चलो इन्हें गुजरात ले चलते हैं। ऐसा हो सकता है। वे लालबागचा राजा को गुजरात ले जाने के लिए प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। वे कारोबारी लोग हैं। मैं आपको बता रहा हूं। मैं बहुत सोचकर यह बात कह रहा हूं। ये लोग महाराष्ट्र को दुश्मन मानते हैं। भाजपा के कई लोग मुंबई को लूटना चाहते हैं।’
देवेंद्र फडणवीस पर निशाना
राउत ने रविवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर फडणवीस 100 बार भी जन्म ले लें तो भी वह यह नहीं समझ पाएंगे कि राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के दिमाग में क्या चल रहा है। राउत की इस टिप्पणी के कुछ दिन पहले फडणवीस ने दावा किया था कि शरद पवार ने राज्य विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए तीन से चार नामों को चुना था, लेकिन उद्धव ठाकरे उनमें शामिल नहीं थे।
राउत ने कहा, ‘क्या 2019 में फडणवीस को पता था कि शरद पवार क्या सोच रहे थे और क्या योजना बना रहे थे? फडणवीस 100 बार जन्म ले लें, तो भी वह यह नहीं समझ पाएंगे कि शरद पवार के दिमाग में क्या चल रहा है। अगर राज्य में सत्तारूढ़ सरकार में थोड़ी भी हिम्मत बची है, तो उन्हें चुनाव का आह्वान करना चाहिए।’
राउत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में राजनीतिक दलों और इन दलों का नेतृत्व करने वाले परिवारों के बीच विभाजन की साजिश रची। यह आरोप महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हाल के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि समाज उन लोगों से नफरत करता है जो अपने परिवार तोड़ते हैं।
अजित पवार ने यह बयान गढ़चिरौली में एक रैली के दौरान दिया, जहां उन्होंने पार्टी नेता और राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम की बेटी भाग्यश्री को शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) में शामिल होने से हतोत्साहित करने की कोशिश की।
शिवसेना (यूबीटी) नेता राउत ने कहा, ‘(महाराष्ट्र में) राजनीतिक दलों और परिवारों को किसने तोड़ा? मोदी और शाह ने राजनीतिक दलों और यहां तक कि परिवारों में भी विभाजन पैदा किया। वे (एकनाथ शिंदे और अजित पवार) इसके शिकार हुए। उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि उन्हें धमकाया गया, दबाव डाला गया या अपनी पार्टियों से अलग होने के लिए प्रलोभन दिया गया।’
राउत ने दावा किया कि चाहे वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना हो या शरद पवार की राकांपा, दोनों पार्टियों ने कई वर्षों तक शिंदे और अजित पवार को पर्याप्त अवसर दिए, लेकिन उन्होंने दलबदल करना ही बेहतर समझा।
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा को लेकर भी शाह की आलोचना की और उन पर पूर्वोत्तर राज्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
शाह महत्वपूर्ण गणेश मंडलों की यात्रा करने और एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मुंबई आए हैं। राउत ने कहा, ‘मणिपुर में फिर से हो रहे हमलों और महिलाओं की निरंतर पीड़ा के बावजूद, केंद्रीय गृह मंत्री मुंबई में हैं। उन्हें (शाह को) मणिपुर, जम्मू-कश्मीर जाना चाहिए। मुंबई में उनका क्या काम है? उन्हें मणिपुर जाने का साहस दिखाना चाहिए।’ पिछले पांच दिन में मणिपुर में हिंसा की घटनाओं में कम से कम सात लोग मारे गए और 15 से अधिक घायल हो गए।
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