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Kathua Terror Attack: जम्मू कश्मीर आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि इन आतंकियों ने हमले के लिए बेहद एडवांस हथियार इस्तेमाल किया था। इसका मकसद यह था कि अधिक से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारा जा सके। एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर हमला किया। आतंकी हमले में जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं। कठुआ जिले में एक महीने के अंदर यह दूसरा बड़ा हमला है। सोमवार के हमले से पहले 12 और 13 जून को इसी तरह की एक मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये थे और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान की जान चली गई थी। अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के बावजूद व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
इस हमले के लिए आतंकियों ने बेहद खतरनाक और सोफिस्टिकेटेड हथियारों का इस्तेमाल किया था। आतंकवादियों ने ऐसा इसलिए किया था ताकि हमले के वक्त अधिक से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारा जा सके। अधिकारियों का यह भी कहना है कि इस हमले में दो-तीन आतंकवादी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा उन्हें स्थानीय स्तर पर भी मदद मिलने की आशंका है। इंडिया टुडे के मुताबिक स्थानीय लोगों की मदद से हमले को अंजाम दिया गया। लोकल लोगों ने आतंकियों को रास्ता बताया था।
यह घटना अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार में बदनोता गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर सेना का वाहन नियमित गश्त पर था। सेना के वाहन पर 10 जवान सवार थे, जो हमले की जद में आ गए। हमले में पांच जवान शहीद हो गए और शेष पांच घायल जवानों को उपचार के लिए पठानकोट सैन्य अस्पताल ले जाया गया है। घात लगाकर किये गये हमले के बाद, आतंकवादी नजदीक के जंगल में भाग गए। पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों के सहयोग से सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है। पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन उधमपुर जिले के बसंतगढ़ से लगे घने वन क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं, जहां पूर्व में कई मुठभेड़ हुई हैं।
आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई और हमलावरों को मार गिराने के लिए क्षेत्र में तुरंत अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गए। माना जाता है कि आतंकियों की संख्या तीन है और वे हथियारों से लैस हैं तथा वे हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ कर आए थे। पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े संगठन ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
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