[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
भारत की तरफ से गाजा और यूक्रेन संघर्ष पर शनिवार को कहा गया कि दोनों ही युद्धों में कूटनीति ही एक सही रास्ता हो सकता है। सभी को मिलकर इन दोनों संघर्षों को बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाने पर जोर देना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन दोनों ही मुद्दों पर भारत का स्टैंड साफ किया। जयशंकर यहां लाओ में आसियान देशों के विदेशमंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए आए हुए थे।
जयशंकर ने कहा कि दुनिया में इस समय दो बड़े संघर्ष चल रहे हैं। एक इजरायल और फिलिस्तीन और दूसरा यूक्रेन और रूस के बीच में, इन दोनों संघर्षों को कूटनीति और बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा की हमने गाजा की शांति के लिए यह जरूरी है कि इस युद्ध को जल्दी से जल्दी रोका जाए। भारत लगातार फिलिस्तीन के लिए मानवीय मदद भेज रहा है। 15 जुलाई को भारत ने फिलिस्तीन में काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र के यूनिट को 2.5 मिलियन डॉलर की मानवीय मदद दी है। यह 5मिलियन की मदद की पहली किस्त है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने हर प्लेटफार्म पर अपनी बात को रखा है कि गाजा का द्विराष्ट्रीय सिद्धांत ही उस क्षेत्र में शांति को स्थापित कर सकता है। वहीं यूक्रेन मुद्दे पर केवल कूटनीति और बातचीत ही संघर्ष को आगे बढ़ने से रोक सकती है। पीएम मोदी हाल ही में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और युक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिले थे।भारत इस संघर्ष को रोकने के लिए हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात जून में जी7 समिट के दौरान हुई थी। इसके बाद अभी हाल ही में वह अपनी ऑफिशियल विजिट पर रूस गए थे, जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति पुतिन से हुई थी। जयशंकर ने कहा कि भारत लगातार दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखकर शांति की तरफ बढ़ने का प्रयास कर रहा है।
पुतिन से अपनी मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन युद्ध का उपाय गोलीबारी या बम और गोलियों में नहीं है इसका उपाय टेबल पर बैठकर बात करने में ही है।
[ad_2]