संवैधानिक प्रमुख हूं, कैसे पीछे हट जाऊं? CM भगवंत मान पर गवर्नर का पलटवार

संवैधानिक प्रमुख हूं, कैसे पीछे हट जाऊं? CM भगवंत मान पर गवर्नर का पलटवार


Punjab News: पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने राज्य के सीमावर्ती जिलों के अपने दौरों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जताई गई आपत्ति पर पलटवार किया है। गवर्नर पुरोहित ने कहा​ कि वह पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के राज्यपाल हैं और संवैधानिक प्रमुख होने के नाते अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते। सीमा पार से आ रही ड्रग्स को बेहद गंभीर मामला बताते हुए उन्होंने कहा कि अपने हर दौरे की रिपोर्ट वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को भेजते हैं। 

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कल राज्यपाल के दौरों पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद राज्यपाल ने शुक्रवार शाम 4 बजे मीडिया कर्मियों को बुलाया, तब यही चर्चा थी कि वह मान पर कोई बड़ा हमला करेंगे लेकिन मुख्यमंत्री पर सीधे हमले से बचते हुए उन्होंने कई मामलों में मुख्यमंत्री की सराहना भी की।

मैं चुनाव प्रचार नहीं कर रहा और न ही मुझे चुनाव लड़ना

राज्यपाल पुरोहित ने कहा कि मेरे दौरों पर मुख्यमंत्री को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मैं कोई चुनाव प्रचार नहीं कर रहा और न ही मुझे चुनाव लड़ना है। मैं राज्य सरकार के काम को भी बाधित नहीं करता। मेरे साथ केवल मुख्य सचिव और डीजीपी चंडीगढ़ से जाते हैं और जिस जिले में वह जाते हैं, वहां के डीसी और एसएसपी समेत 5-7 अफसर ही होते हैं।

सालभर के अंदर सीमावर्ती जिलों को एंट्री ड्रोन मिल जाएगा

राज्यपाल ने बताया कि सीमा पर ड्रोन के जरिए आ रही ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एंटी ड्रोन दिए हैं, जिससे अच्छे नतीजे सामने आए हैं। हालांकि अब तक केवल 25 प्रतिशत सीमावर्ती क्षेत्र को ही यह एंटी ड्रोन कवर कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस बारे में बात की थी, जिस पर उन्होंने भरोसा दिलाया है कि एक साल के अंदर हर सीमावर्ती जिले को एंट्री ड्रोन मिल जाएगा। 

मुख्यमंत्री मान की तारीफ भी की

राज्यपाल ने कहा कि पाकिस्तान जानता है कि वह भारत से सीधे लड़ाई नहीं लड़ सकता, इसलिए उसने हमारी अगली पीढ़ी को ड्रग्स का आदी बनाकर कमजोर करने की रणनीति अपनाई है। उन्होंने सीमावर्ती जिलों के इन दौरों से यह जाना है कि ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए प्रमुख विभागों व विंगों में तालमेल की कमी है इसलिए वह अपनी बैठकों में एन.आई.ए., सेना, बी.एस.एफ., आई.बी., एन.सी.आर.बी. और पंजाब पुलिस के अधिकारियों को भी शामिल करते हैं। 

पुरोहित ने बताया कि हर गांव में विलेज डिफेंस कमेटियां बनाकर इसे काफी काबू कर लिया है। थानों में पुलिस की मिलीभगत को देखते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा 10,000 कर्मचारियों के तबादलों बारे राज्यपाल ने कहा कि यह बहुत प्रभावी कदम रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि अपने पहले दौरे के बाद यह फीडबैक मुख्यमंत्री को भी दी थी कि थानों में छोटे कर्मचारियों की ड्रग्स तस्करों से मिलीभगत है।

शायद सीएम को मैं पसंद नहीं ​था, इसलिए की थी इस्तीफे की पेशकश

इस साल की शुरूआत में अपने इस्तीफे की पेशकश के पीछे के कारण बारे सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि हो सकता है मुख्यमंत्री मेरे से अपसेट हों, इसलिए मैंने इस्तीफा दिया हो। मैंने तो इस्तीफा दे दिया था, मंजूर नहीं हुआ तो क्या करूं। पंजाब में यूनिवर्सिटी का चांसलर राज्यपाल की बजाए मुख्यमंत्री को बनाने वाले पंजाब विधानसभा से पारित बिल को राष्ट्रपति द्वारा वापस करने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि यह बिल उनसे संबंधित था, इसलिए उनके द्वारा फैसला लेना सही नहीं होता।

इसीलिए उन्होंने इस बिल को राष्ट्रपति को भेज दिया था और वहां से यह रिजेक्ट हो गया है। राष्ट्रपति सर्वोच्च हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वह भी उनकी बात को मानें। इस समय राज्य की 10 यूनिवर्सिटी बिना रैग्युलर वाइस चांसलर के हैं। उच्च ​शिक्षा के लिए यह बेहद खतरनाक स्थिति है। पुरोहित ने बताया कि वह तमिलनाडु के भी राज्यपाल रहे हैं और वहां उन्होंने 27 वाइस चांसलर नियुक्त किए थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने कोई ऐतराज नहीं जताया।