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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी को लेकर संसद के बाहर और भीतर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘खुद को हिंदू कहने वाले हर समय हिंसा और नफरत फैलाने’ में लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह गंभीर मामला है कि राहुल गांधी पूरे हिंदू समाज को हिंसक कह रहे हैं, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्रियों ने कांग्रेस नेता से माफी मांगने की मांग की।
हालांकि, राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा में कहा, ‘‘भाजपा, नरेन्द्र मोदी जी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पूरा हिंदू समाज नहीं हैं। हम भी हिंदू हैं।’’ बाद में केंद्र सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों ने राहुल गांधी पर उनकी टिप्पणी को लेकर पलटवार किया।
दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘‘सभी धर्मों और हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और निडरता की बात की है। वे कहते थे कि डरो मत, डराओ मत। शिवजी कहते हैं डरो मत, डराओ मत। वह अहिंसा की बात करते हैं। लेकिन जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वो 24 घंटे हिंसा, नफरत और असत्य की बात करते हैं।’’
इस पर सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर जोरदार तरीके से विरोध जताने लगे। राहुल ने कहा, ‘‘आप हिंदू हैं ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए, सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। ये इसलिए चिल्ला रहे हैं, क्योंकि तीर दिल में जाकर लगा है।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले सदन में राहुल पर हमला बोला फिर बाद में सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हिंदू हिंसा करते हैं, झूठ बोलते हैं और नफरत फैलाते हैं…, यह बोलकर राहुल गांधी ने करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन पर अपने भाषण में झूठ और नफरत का मिश्रण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का पहले दिन का यह सबसे खराब प्रदर्शन था। गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह न तो 2024 के जनादेश (उनकी लगातार तीसरी हार) को समझ पाए हैं और न ही उनमें कोई विनम्रता है। नड्डा ने कहा कि गांधी ने देश के मेहनती किसानों और बहादुर सशस्त्र बलों से जुड़े मुद्दों समेत कई मामलों में ‘झूठ’ बोला।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अग्निवीर योजना पर उनके ‘झूठे दावे’ के लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा तथ्यों के साथ खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘अपनी ओछी राजनीति के लिए वह हमारे किसानों और सुरक्षा बलों को भी नहीं बख्शा।’’ नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा ‘स्वस्थ बहस’ के बारे में होती है लेकिन विपक्ष अपनी ‘गलत विजयवाद’ में रचनात्मक नहीं बल्कि विनाशकारी बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों में कभी भी विपक्ष को लगातार तीन बार खारिज नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जिस रास्ते से वे जा रहे हैं, वे आने वाले समय में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी को सभी हिंदुओं को हिंसक बताने के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए। यह वही व्यक्ति हैं जो विदेशी राजनयिकों को बता रहा था कि हिंदू आतंकवादी हैं। हिंदुओं के प्रति नफरत बंद होनी चाहिए।’’
नड्डा ने राहुल से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी माफी मांगने की मांग की और आरोप लगाया कि आसन के प्रति उनके बयान ‘बहुत खराब’ थे। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता अब पांच बार के सांसद हैं, लेकिन उन्होंने संसदीय मानदंडों को नहीं सीखा है, और न ही वह सभ्यता को समझते हैं। बार-बार, वह बहस के स्तर को गिराते हैं। आज आसन के प्रति उनकी टिप्पणी बहुत खराब थी। उनकी ईमानदारी और व्यक्तित्व पर निराधार आक्षेप लगाने के लिए उन्हें अध्यक्ष से माफी मांगनी चाहिए।’’
गांधी की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राहुल गांधी की तुष्टिकरण की राजनीति ‘हिंदू नफरत से शुरू और खत्म होती है’। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा खुद को हिंदू कहने वाले हर व्यक्ति को हिंसक कहने का दुस्साहस करना हिंदुओं के प्रति कांग्रेस की घृणा को दर्शाता है। यह ‘इंडिया’ गठबंधन सहयोगियों के प्रति हिंदू घृणा के अनुरूप। ‘मोहब्बत की दुकान’ का दावा करने वालों के पाखंड का पर्दाफाश हुआ।’’
गांधी की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि जब तक देश में हिंदू बहुसंख्यक हैं, लोकतंत्र अक्षुण्ण रहेगा और शांति भी रहेगी। उन्होंने संसद परिसर में कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि जब तक हिंदुत्व है, देश में लोकतंत्र और शांति रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में देखो। देश में अब भी शांति है। पाकिस्तान या दुनिया के अन्य देशों में शांति नहीं है।’’
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने राहुल गांधी की उनकी टिप्पणी के लिए आलोचना की और कहा कि विपक्ष के नेता ने अपने भाषण में केवल ‘निराधार टिप्पणियां’ कीं और सदन में कोई ‘सकारात्मक सुझाव’ नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने विपक्ष के नेता के पद की गरिमा को शर्मसार किया।’’
दो और केंद्रीय मंत्रियों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने लोकसभा में ‘अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना भाषण’ देकर नेता प्रतिपक्ष के जिम्मेदारी भरे पद की गरिमा को कम किया है। उन्होंने गांधी पर हिंदुओं को कथित तौर पर हिंसा से जोड़ने और झूठ फैलाकर उनका ‘गंभीर अपमान’ करने का आरोप भी लगाया। रीजीजू ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सदन में गांधी के भाषण में किये गए कई दावों को चुनौती दी है और लोकसभा अध्यक्ष से कार्रवाई करने की मांग की है।
‘अग्निपथ योजना’ और अयोध्या में विकास परियोजनाओं के दौरान वहां के निवासियों के लिए मुआवजे को लेकर गांधी की ओर से लगाए गए आरोपों की आलोचना करते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि उन्हें अपनी बात साबित करनी होगी या माफी मांगनी होगी। वैष्णव ने कहा कि स्थानीय दुकानदारों और अन्य लोगों को 1,253 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा दिया गया और उनके पुनर्वास में मदद की गई।
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने भी राहुल गांधी पर उनकी टिप्पणी के लिए निशाना साधा और कहा कि परंपरा का पालन करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर उन्हें बोलना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसके अलावा उन्होंने हर चीज के बारे में बात की।’’
भगवान शिव की ‘अभय मुद्रा’ को लेकर गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए जायसवाल ने कहा, ‘‘उन्होंने यह कहकर दुनिया को अभय ज्ञान दिया कि अभय मुद्रा सभी धर्मों की बुनियाद में है।’’ कांग्रेस नेता ने सदन में कई बार भगवान शिव की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि वह हमें अहिंसा और निडरता का संदेश देते हैं।
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